सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में स्पीच दिया. इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. साथ ही किसान आंदोलन पर भी बोले, पीएम नरेंद्र मोदी ने सदन में कहा कि किस बात पर आंदोलन हो रहा है और क्यों हो रहा है. आंदोलनकारियों को पता ही नहीं. उन्होंने कहा कि मैं सदन से अपील करता हूं की आंदोलन को खत्म करें और देश के विकास में भागीदार बने. वहीं, कांग्रेस नेता अधिर रंजन चौधरी ने कहा कि जब लाखों किसान दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हैं तो हम चुप नहीं रह सकते. 206 से अधिक किसानों ने अपनी जान गंवाई है और उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए रास्तों में कील ठोक दी गई है. कांग्रेस नेता एआर चौधरी ने कहा कि हमारी मांग थी कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद किसानों के मुद्दे पर चर्चा की जाए.
वहीं, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में कहा कि हमारा लोकतंत्र जीवंत और स्वस्थ है और पार्टी लाइनों से ऊपर हर कोई इसे समान रखना चाहता है. हर संस्था की गरिमा बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है. मैं सभी से राष्ट्रपति के संबोधन पर चर्चा करने और परंपराओं को टूटने नहीं देने की अपील करता हूं.
दरअसल, कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन की तपिश के बीच सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा को संबोधित किया. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने विपक्ष को जमकर घेरा, लेकिन साथ ही आंदोलनकारी किसानों से एक खास अपील भी की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि MSP था, MSP है और MSP रहेगा, किसानों को आंदोलन खत्म करना चाहिए.
कृषि कानूनों के मसले पर पीएम मोदी ने कहा कि सदन में सिर्फ आंदोलन की बात हुई है, सुधारों को लेकर चर्चा नहीं की गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब लाल बहादुर शास्त्री जी को जब कृषि सुधारों को करना पड़ा, तब भी उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. लेकिन वो पीछे नहीं हटे थे. तब लेफ्ट वाले कांग्रेस को अमेरिका का एजेंट बताते थे, आज मुझे ही वो गाली दे रहे हैं. पीएम ने कहा कि कोई भी कानून आया हो, कुछ वक्त के बाद सुधार होते ही हैं.
Source : News Nation Bureau