ISRO's Solar Mission Aditya L1: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने दो महीने के अंदर अपना दूसरा मिशन भी अंतरिक्ष में भेज दिया. इसरो ने 14 जुलाई को चंद्रयान-3 को लॉन्च किया था. जिसने 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी, फिलहाल चंद्रयान-3 का प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह पर घूमकर इसरो को डेटा भेज रहा है. जिसकी उम्र अब सिर्फ चार दिन ही बाकी बची है. वहीं शनिवार को इसरो ने अपने पहले सूर्य मिशन आदित्य-एल1 को लॉन्च कर दिया. आदित्य एल1 को पीएसएलवी रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किया गया. बता दें कि इसरो ने सूर्य के रहस्यों को जानने के लिए आदित्य-एल1 उपग्रह को पृथ्वी से करीब 15 लाख किमी दूर ‘लैग्रेंजियन-1’ बिंदु तक भेजने की योजना बनाई है. अगर सबकुछ ठीक रहा तो अगले 125 दिनों में ये सूर्य के एल-1 पाइंट पर स्थापित हो जाएगा. यहां से वह सूर्य के रहस्यों को जानने की कोशिश करेगा.
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रोजाना इसरो को इतनी तस्वीरें भेजेगा आदित्य-एल1
बता दें कि इसरो का आदित्य-एल1 15 लाख किमी दूर से सूरज के पाइंट एल-1 से रोजाना तमाम फोटो भेजेगा. जसकी मदद से सूर्य के व्यवहार को समझने में वैज्ञानिकों को मदद मिलेगी. जानकारी के मुताबिक, आदित्य-एल1 बिंदु से ही इसरो को रोजाना 1440 तस्वीरें भेजेगा. इन तस्वीरों के जरिए ही इसरो सूरज के व्यवहार को समझने की कोशिश करेगा.
कैसे खींची जाएंगी तस्वीरें
बता दें कि इसरो को सूरज की जिन तस्वीरों को भेजा जाएगा वे तस्वीरें विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC) के जरिए खींची जाएंगी. उसके बाद पेलोड में लगी कम्यूनिकेशन डिवाइस के जरिए इन तस्वीरों को पृथ्वी पर इसरो केंद्र पर भेजा जाएगा. वीईएलसी, आदित्य-एल1 पर लगाया गया सबसे बड़ा और टेक्निकल पेलोड है. बता दें कि ये पेलोड ही इस मिशन का सबसे जरूरी अंग है. इस पेलोड का निर्माण भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA) क्रेस्ट यानी विज्ञान प्रौद्योगिकी अनुसंधान और शिक्षा केंद्र ने मिलकर तैयार किया है.
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ब्रह्मांड में घूम रहे सूर्य की कैसे लेगा इतनी तस्वीरें
बता दें कि इसरो का आदित्य-एल1 पृथ्वी के वायुमंडल से निकलकर पृथ्वी की धुरी से बाहर निकलेगा. इसके लिए यह पृथ्वी के दो-तीन चक्कर लगाएगा उसके बाद इसमें लगे इग्नीशन इसको बूस्ट करेंगे और यह सूर्य की ओर जाने वाले रास्ते पर आगे बढ़ जाएगा. इस 15 लाख किमी की इस पूरी यात्रा में आदित्य-एल1 को कुल 125 दिन लगेंगे. इस स्थान पर सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण सामान्य होगा. बता दें कि जिस स्थान पर गुरुत्वाकर्षण बल समान है, उस स्थान को वैज्ञानिक ने लैग्रेंजियन-1 यानी एल-1 नाम दिया है.
HIGHLIGHTS
- एक दिन 1440 तस्वीरें भेजेगा आदित्य-एल1
- इन तस्वीरों के जरिए सूर्य के रहस्यों को समझेगा इसरो
- 15 लाख किमी दूर से इसरो को मिलेंगी सूर्य की तस्वीरें
Source : News Nation Bureau