योगी, मौर्य और पर्रिकर नहीं देंगे संसद से इस्तीफा, जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव तक करेंगे इंतज़ार

मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बने बीजेपी के तीन सांसद अभी इस्तीफा नहीं देंगे। तीनों सांसद राष्ट्रपति चुनाव के संपन्न होने का इतजार करेंगे।

author-image
pradeep tripathi
एडिट
New Update
योगी, मौर्य और पर्रिकर नहीं देंगे संसद से इस्तीफा, जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव तक करेंगे इंतज़ार
Advertisment

मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बने बीजेपी के तीन सांसद अभी इस्तीफा नहीं देंगे। तीनों सांसद राष्ट्रपति चुनाव के संपन्न होने का इतजार करेंगे। हाल ही ही में संपन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी के तीन सांसद योगी आदित्यनाथ, मनोहर पर्रिकर और केशव प्रसाद मौर्य को राज्यों के प्रशासन संभालने की जिम्मेदारी दी गई है। 

योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री और केशव प्रसाद मौर्य को राज्य का उप मुख्यमंत्री मनोनीत किया गया है। इसके अलावा मनोहर पर्रिकर राज्यसभा के सांसद हैं और उनको गोवा का मुख्यमंत्री बनाया गया है।

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार तीनों सांसद कि राष्ट्रपति चुनाव को देखते हुए अपनी संसद सदस्यता से इस्तीफा नहीं देंगे। योगी गोरखपुर से और मौर्य फूलपुर से बीजेपी के सांसद हैं।

और पढ़ें: बाबरी विध्वंस षड्यंत्र मामले में सुप्रीम कोर्ट आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती पर लेगा फैसला

सांसद से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बने इन सांसदों के पास छह महीने का समय है। यानि ये सितंबर तक सांसद बने रह सकते हैं।

बीजेपी के एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया, 'उन्हें (मनोहर पर्रिकर, योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य) छह महीने में राज्य सदन में निर्वाचित होना होगा और चुने जाने के 14 दिनों के अंदर लोकसभा या राज्यसभा से इस्तीफा देना होगा। कोई जल्दी नहीं है... उप-चुनाव में जाने की अपेक्षा पार्टी के पास कई दूसरे गंभीर मुद्दे भी हैं।'

और पढ़ें: SC का अयोध्या विवाद को अदालत से बाहर सुलझाने का सुझाव, पहले भी 10 बार हो चुकी है बातचीत

बीजेपी सूत्रों का कहना है कि इस समय पार्टी का ध्यान जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव पर है। हाल के विधानसभा चुनावों में पार्टी को मिली बड़ी सफलता के बाद अगला राष्ट्रपति बीजेपी अपने पसंद की खड़ा करना चाहती है।

आदित्यनाथ योगी और केशव प्रसाद मौर्य के पास सदन के एक निर्वाचन क्षेत्र के अलावा विधान परिषद से भी उप-चुनाव लड़ सकते हैं। इससे पहले भी मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव और मायावती विधान परिषद के ही सदस्य थे।

Source : News Nation Bureau

Keshav Prasad Maurya Manohar Parrikar adityanath yogi
Advertisment
Advertisment
Advertisment