अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को लाने की मुहिम तेज हो गई है. एयरइंडिया की फ्लाइट AI 972 भी दोहा से दिल्ली लोगों को लेकर पहुंची. इसके अलावा इंडिगो और विस्तारा की फ्लाइट भी लोगों को लेकर दिल्ली पहुंची. तीन अलग-अलग विमान के जरिए 329 लोगों को भारत लाया गया. अब तक करीब 590 लोगों को वहां से निकाला जा चुका है. इसके साथ ही आशंका जताई जा रही है कि चार सौ से लेकर पांच सौ तक लोग अब भी वहां फंसे हुए हैं.
दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचे सभी यात्रियों का पहले आरटी पीसीआर टेस्ट होगा. इसके बाद सर्टिफिकेट जारी होने के बाद सभी यात्री एयरपोर्ट से बाहर आएंगे. काबुल में अमेरिकी दूतावास में काम करने वाले सुखविंदर सिंह का कहना है कि काबुल की सड़कों पर अराजकता जैसी स्थिति है और सभी अफगानिस्तान छोड़ने की जल्दी में हैं.
उन्होंने कहा कि 14 अगस्त की रात को भारतीय दूतावास के एक अधिकारी के हस्तक्षेप से स्थिति बिगड़ने पर उन्हें निकाला गया था. उसने कहा कि वह तब से दोहा में रह रहे थे. उन्होंने कहा, वहां फंसे अधिकांश लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है.
उन्होंने कहा कि वह खुद उस हेलीकॉप्टर में थे, जिसका वीडियो वायरल हो गया, जिसमें लोगों को घर वापस जाने के लिए जयकार करते देखा जा सकता है.
पंजाब के रहने वाले सुखविंदर सिंह ने आईएएनएस को बताया कि काबुल में तालिबान के सत्ता में आने के बाद अफगानिस्तान ने एक खतरनाक मोड़ ले लिया। कई बार ऐसा लगा कि मैं घर नहीं लौट पाऊंगा. कोई उम्मीद नहीं बची थी.
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यह पूछे जाने पर कि क्या वह काम के लिए फिर से काबुल लौटेंगे, उन्होंने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि भारत सरकार के साथ अफगानिस्तान के संबंध कैसे बने रहते हैं.
काबुल में यूएई दूतावास में काम करने वाले प्रवीण सिंह ने कहा कि वह कभी भी वापस जाने के बारे में नहीं सोचेंगे क्योंकि वहां उन्होंने जो दर्दनाक और जानलेवा अनुभव किया, वह भयावह है.
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काबुल में एक निजी कंपनी में काम करने वाले और रविवार को घर लौटे कमल चक्रवर्ती ने कहा, मुझे खुशी है कि मैं सुरक्षित घर लौट आया हूं लेकिन जब भी मैं वहां की स्थिति के बारे में सोचता हूं तो इसके बारे में सोचकर ही कांप जाता हूं.
उन्होंने कहा कि अफगान काबुल में भारतीयों के लिए बहुत मददगार हैं. यही समय है जब भारत सरकार को भी उनके लिए कुछ करना चाहिए.
Source : IANS/News Nation Bureau