भारत ने चीन को एक बार फिर बड़ा झटका दिया है. पूर्वी लद्दाख स्थित पेंगोंग झील के दक्षिणी किनारे की प्रमुख चोटियों पर भारतीय सेना की मोर्चेबंदी के बाद इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के कम-से-कम 30 जवानों ने कुछ और नए और अहम मोर्चों पर झंडा गाड़ दिया. आईटीबीपी के जवानों ने रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण ब्लैक टॉप एरिया के पास नई जगहों पर अपनी मोर्चेबंदी कर ली. पूर्वी लद्दाख में वास्तवितक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तैनात चीनी सैनिकों की हर हरकत इन आईटीबीपी जवानों की साफ-साफ पकड़ में आती रहेगी.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आईटीबीपी जवान फुरचुक ला पास (Phuchuk La Pass) से गुजरते हुए ब्लैक टॉप तक पहुंचे हैं. फुरचुक ला पास 4,994 मीटर ऊंचाई पर स्थित है. अब तक आईटीबीपी की तैनाती सिर्फ पेंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर स्थित फिंगर 2 और फिंगर 3 एरिया के पास धान सिंह पोस्ट पर ही हुआ करती थी. दूसरी तरफ खबर है कि आईटीबीपी के डीजीपी एसएस देसवाल करीब छह दिनों तक जवानों के साथ रहे. देसवाल ने 23 से 28 अगस्त तक सीमा का दौरा किया और बल की कई चौकियों पर गए.
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कई महत्वपूर्ण पोस्ट पर भारत का कब्जा
जानकारी के मुताबिक हेलमेट टॉप, ब्लैक टॉप और येलो बंप पर आर्मी, आईटीबीपी और स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (SFF) की मोर्चेबंदी हो गई है और उन्हें सभी इन जगहों से सीधे चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के दक्षिणी छोर पर स्थित पोस्ट 4280 जबकि पश्चिम छोर पर स्थित डिगिंग एरिया और चुती चामला पर चल रही हर गतिविधी साफ-साफ दिख रही है. एक तरह से देखा जाए तो सेना ने भारतीय सीमा की किलेबंदी कर दी है. आईटीबीपी के जवान अच्छी-खासी संख्या में चुशूल और तारा बॉर्डर आउटपोस्ट्स के पास तैनात हैं. चंडीगढ़ से अतिरिक्त कंपनियां एयरलिफ्ट की गई हैं.
Source : News Nation Bureau