प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm narendra modi) ने बुधवार को ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ का शिलान्यास करने के बाद कहा कि बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा. उन्होंने कहा कि राम मंदिर राष्ट्रीय एकता और राष्ट्रीय भावना का प्रतीक है तथा इससे समूचे अयोध्या क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा. पीएम मोदी ने कहा कि जिस प्रकार स्वतंत्रता दिवस लाखों बलिदानों और स्वतंत्रता की भावना का प्रतीक है, उसी तरह राम मंदिर (ram mandir) का निर्माण कई पीढ़ियों के अखंड तप, त्याग और संकल्प का प्रतीक है.
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उन्होंने कहा कि आज इस मौके पर मैं भावुक हूं. पीएम मोदी के इस बयान पर AIMIM के अध्यक्ष असदउद्दीन ओवैसी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आज कहा कि वह भावुक थे. मैं कहना चाहता हूं कि मैं भी उतना ही भावुक हूं क्योंकि मैं भी इस देश की नागरिकता की समानता में विश्वास करता हूं. प्रधानमंत्री जी, मैं भावुक हूं क्योंकि एक मस्जिद 450 साल से वहां खड़ी थी.
जफरयाब जिलानी ने राम मंदिर भूमि पूजन पर उठाए सवाल
AIMPLB (ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड) के सदस्य जफरयाब ज़िलानी ने राम मंदिर भूमि पूजन पर सवाल उठाया है. न्यूज़ नेशन से एक्सक्लुसिव बातचीत में उन्होंने कहा कि PM मोदी और सीएम योगी के कार्यक्रम में शामिल होने पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह 175 लोग शामिल हुए. बतौर हिन्दू भूमि पूजन में कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री शामिल होते.
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साथ ही उन्होंने कहा कि देश सेक्युलर है और PM सभी मजहबों का होता है. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम को सरकारी फंक्शन नहीं बनाना चाहिए था. इसको धार्मिक कार्यक्रम रहने देना चाहिए था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया गया, ये कहकर की सदियों के बाद मंदिर फिर वहीं स्थापित होने जा रहा है.
Source : News Nation Bureau