निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में फांसी की सजा पाए चारों दोषी अंगदान भी नहीं कर पाएंगे. दिल्ली की एक अदालत ने चारों दोषियों के अंगदान कराने की अनुमति के लिए दायर की गई याचिका खारिज कर दी है. एक एनजीओ ने निर्भया केस के चारों दोषियों से तिहाड़ जेल में मुलाकात करने के लिए इजाजत मांगी थी. यह एनजीओ चारों दोषियों को अंगदान देने के लिए प्रेरित करना चाहता था.
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एनजीओ की याचिका खारिज की
एनजीओ आरएसीओ के संस्थापक राहुल शर्मा द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने कहा, 'मेरा मानना है कि याचिकाकर्ता का दोषियों से किसी भी कारण से मिलने का आधार नहीं है, इसलिए जेल अधिकारियों को इस संबंध में कोई निर्देश नहीं दिया जा सकता.' सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने दलील दी, 'यह कानूनी रूप से सही नहीं है, क्योंकि 14-दिवसीय अवधि केवल कानूनी उपायों का प्रयोग करने और धार्मिक कर्मकांड के लिए है.'
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फांसी की उलटी गिनती शुरू
उन्होंने कहा, 'वर्तमान मामले में इसका कोई आधार नहीं है. अगर वे वास्तव में इस नेक काम को चाहते हैं, तो उन्हें उनके परिवार के सदस्यों से संपर्क करना चाहिए.' इन दलीलों का विरोध करते हुए आवेदक के वकील ने कहा कि अगर हम उनसे नहीं मिल सकते हैं तो सरकार उनसे पूछ सकती है और हमें इस नेक काम के बारे में उनकी इच्छा बताई जा सकती है. दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को निर्भया सामूहिक दुष्कर्म व हत्या मामले में चार दोषियों के खिलाफ मौत का वारंट जारी किया था.
HIGHLIGHTS
- एक एनजीओ चारों दोषियों को अंगदान देने के लिए प्रेरित करना चाहता था.
- एनजीओ ने चारों दोषियों से तिहाड़ में मुलाकात की इजाजत मांगी थी.
- याचिका को खारिज करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने की कठोर टिप्पणी.
Source : News State