राज्यसभा (Rajya Sabha) में मौजूदा विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. ऐसे में चर्चा है कि वो केरल से राज्यसभा के लिए चुनाव लड़ सकते हैं, जहां अप्रैल के महीने में तीन सीटें खाली होने वाली हैं. आजाद 2015 में जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से राज्यसभा के लिए चुने गए थे वहां फिलहाल कोई चुनाव नहीं होने के आसार के मद्देनजर, अगर उन्हें दोबारा राज्यसभा में आना है तो केरल से ही ये संभव हो सकता है जहां कांग्रेस की अगुवाई वाली यूडीएफ के पास इतने वोट हैं कि वो आजाद को राज्यसभा में भेज सके
जिन तीन सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है उनमें से एक दिग्गज कांग्रेसी नेता वायलार रवि और दूसरे अब्दुल वहाब हैं, जो इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) से हैं. उधर सेवानिवृत्त होने वाले तीसरे सदस्य सीपीआई (एम) के के.के. रागेश हैं, जिनकी पार्टी अभी केरल में सत्ता में है. केरल में सत्तारूढ़ वाम मोर्चा सरकार दो उम्मीदवारों को राज्यसभा भेज सकती है और कांग्रेस के पास एक सीट आ सकती है. लेकिन कांग्रेस पार्टी में अंतिम फैसला हाई कमान का होता है और पिछले साल, केरल के कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल को राजस्थान से राज्यसभा में लाया गया था और इसलिए यह आश्चर्य की बात नहीं होगी, अगर आजाद केरल से राज्यसभा आते हैं.
यह भी पढ़ेंःपीएम मोदी ने राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी पर G-23 को लेकर कसा तंज
केरल में कांग्रेस नेताओं ने साधी है चुप्पी
केरल में कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है और इस खबर से खुश नहीं हैं. उनमें से कोई भी हाई कमान की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहता, क्योंकि उन्हें डर है कि विधानसभा चुनाव के लिए उनका टिकट कट न जाए. केरल में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. कांग्रेस को उम्मीद है कि आजाद, मुस्लिम होने के साथ, समुदाय के साथ एक प्लस पॉइंट साबित हो सकते हैं. केरल में मुस्लिम आबादी करीब 22 प्रतिशत है और यह हिंदुओं के बाद दूसरा सबसे बड़ा समुदाय है. ईसाइयों की संख्या लगभग 19 फीसदी है.
यह भी पढ़ेंःराज्यसभा में गुलाम नबी आजाद का विकल्प तलाश रही कांग्रेस, इन नेताओं पर है खास ध्यान
जम्मू-कश्मीर में नहीं है कांग्रेस का दूसरा प्रतिनिधि
गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल पूरा होने के बाद राज्यसभा में जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) का कोई भी प्रतिनिधि (Representative) नहीं होगा. बता दें कि राज्य सभा में केंद्र शासित प्रदेशों (Union Territory) के चारों सदस्यों का कार्यकाल पूरा होने वाला है. वर्तमान में यहां कोई निर्वाचित विधानसभा नहीं है, लिहाजा जब तक जम्मू और कश्मीर में चुनाव नहीं होते, राज्य सभा में इनका कोई प्रतिनिधि नहीं होगा.
HIGHLIGHTS
- आजाद जम्मू-कश्मीर से राज्य सभा पहुंचे थे
- केरल में अभी लेफ्ट की सत्ता है
- केरल से दो उम्मीदवार राज्यसभा जा सकते है
Source : News Nation Bureau