नरेंद्र मोदी सरकार ओआरओपी के मुद्दे को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताती रही है लेकिन अब वह इसी मुद्दे पर घिरती नजर आ रही है। दिल्ली में ओआरओपी के मुद्दे को लेकर एक पूर्व सैनिक की आत्महत्या के बाद कांग्रेस के वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हिरासत में लिए जाने के बाद विपक्ष एकजुट होता नजर आ रहा है, वहीं मोदी सरकार अब इस मुद्दे पर अलग-थलग पड़ती नजर आ रही है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा एक तरफ तो हमारे जवान आत्महत्या कर रहे हैं लेकिन वहीं राहुल गांधी और मनीष सिसोदिया को मृतक सैनिक के परिवार से मिलने से रोका जा रहा है।
अरविंद केजरीवाल को हिरासत में लिए जाने पर ममता ने ट्वीट कर कहा, 'यह सब क्या हो रहा है? अपनी ही स्टेट में एक सीएम को हिरासत में लिया जा रहा है। उन्हें आजादी से घूमने भी नहीं दिया जा रहा। इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।'
ममता बनर्जी शुरू से ही केंद्र और राज्य के बीच के संबंधों को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर रही है। कई मुद्दों पर उन्होंने केंद्र को संघवाद की याद दिलाते हुए राज्य सरकारों के काम में दखलअंदाजी नहीं करने की चेतावनी भी दी है।
पुलिस हिरासत से छूटने के बाद केजरीवाल ने जहां मोदी सरकार से देश के माफी मांगने की अपील की वहीं खबरों के मुताबिक राहुल गांधी मृतक सैनिक के दाह संस्कार में शामिल होने के लिए उनके गांव भिवानी जा सकते हैं।
वहीं कांग्रेस ओआरओपी को लेकर पूर्व सैनिक की खुदकुशी को मुद्दा बनाने का फैसला कर चुकी है। राहुल गांधी को हिरासत में लिए जाने के बाद पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को हटाने की मांग की है।
मोदी सरकार के मंत्री वी के सिंह के सैनिक की मानसिक हालत को लेकर सवाल उठाए जाने के बाद सरकार के लिए अपना बचाव करना मुश्किल हो रहा है। खबरों के मुताबिक कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाने का मुद्दा बना चुकी है।
सैनिक की आत्महत्या के बाद भ्रष्टाचार को लेकर मुखर रहने वाले अन्ना हजारे ने भी सैनिकों की मांग को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की धमकी दी है। बीजेपी के लिए अभी तक ओआरओपी की घोषणा विपक्ष पर बढ़त बनाने की थी लेकिन अब वह इसमें फंसती नजर आ रही है।
Source : News Nation Bureau