चीन के साथ पैंगोंग झील को लेकर विवाद खत्म हो गया है. भारत और चीन के बीच इसे लेकर समझौता हो गया है. इस मामले में समझौते के बाद अब भारत ने देपसांग क्षेत्र का बातचीत की तैयारी शुरू कर दी है. सूत्रों का मुताबिक भारत अगली बैठक में देपसांग का मुद्दा उठा सकता है. पैंगोंग झील को लेकर हुए समझौते के बीच कुछ खबरें आ रही हैं कि इससे कैलाश रेंज क्षेत्र को कुछ नुकसान उठाना पड़ा है. राजनाथ सिंह ने गुरुवार को संसद में एलएसी की ताजा स्थिति को लेकर बयान दिया था. उन्होंने बताया कि पैंगोंग झील पर डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया पूरी होने के बाद 48 घंटों के भीतर बैठक होगी.
इस बैठक में वरिष्ठ कमांडर भी मौजूद होंगे. इस मुलाकात के पूरी होने के बाद बाकी बचे मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी. हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि किस मुद्दे को लेकर बातचीत की जाएगी. जानकारी के मुताबिक देपसांग मैदान या बल्ज इलाके के साथ ही गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स और चार्डिंग निंगलंग नल्लाह ट्रैक जंक्शन जैसे इलाकों को लेकर सैन्य स्तर पर चर्चा होगी.
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देपसांग में भी बिगड़े थे हालात
2013 में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने देपसांग इलाके में हमला किया था. इसके बाद से पूरे इलाके में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. तब इस पर भारतीय प्रतिक्रिया ने PLA के लिए मुश्किलें खड़ीं कर दीं. लेकिन पैंगोंग सो, गलवान और दूसरी जगहों के विपरीत यहां कोई बड़ी उथल-पुथल नहीं हुई थी. इसके बाद तय किया गया कि बाकी हालात के अलावा देपसांग के हालात से अलग से निपटा जाएगा. हालांकि, अप्रैल-मई के बाद से ही PLA भारतीय सैनिकों को देपसांग में पेट्रोलिंग पॉइंट्स (PPs)-10, 11, 12, 12A और 13 में जाने से रोक रही है.
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बदल जाएगी दोनों देशों की सेनाओं की लोकेशन
दोनों देशों के बीच पैंगोंग मसले को लेकर समझौता हो चुका है. समझौते के हिसाब से दोनों सेनाएं अग्रिम मोर्चे पर लौटेंगी. चीन की सेना फिंगर-8 से पूर्व दिशा की ओर आगे बढ़ेगी. वहीं भारतीय सेना फिंगर-3 के पास स्थायी बेस धन सिंह थापा पोस्ट पर होंगी. वहीं, दक्षिण किनारे को लेकर भी सेनाएं इसी तरह की कार्रवाई करेंगी. इसके बाद पुरानी स्थिति दोबारा बहाल की जाएगी.
Source : News Nation Bureau