पुलवामा हमले पर पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए भारत ने सख्त कदम उठाया है. भारत ने पाकिस्तान को पूर्वी क्षेत्र की नदियों से मिलने वाले पानी में अपने हिस्से के पानी पर रोक लगाने का फैसला लिया. केंद्र सरकार ने पूर्वी नदियों (रावी, व्यास और सतलुज) की धरा जम्मू-कश्मीर और पंजाब की ओर मोड़ने का फैसला किया है. भारत के इस फैसले पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया सामने आई है. सिंधु जल आयोग के उप-प्रमुख शेराज मेनन ने कहा कि भारत के पानी रोके जाने के फैसले में उनके पास कोई जानकारी नहीं आई है. अगर ऐसा कुछ हुआ तो यह गलत होगा. भारत के पास हमरे पानी को रोकने और मोड़ने की क्षमता नहीं है.
बता दें कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि पूर्वी नदियों के पानी के प्रवाह का रास्ता बदल देंगे. इसकी आपूर्ति जम्मू-कश्मीर और पंजाब में अपने लोगों को करेंगे. इसके अलावा रावी नदी पर शाहपुर कांडी बांध का निर्माण शुरू हो गया है . यूजीच परियोजना के जरिये जम्मू-कश्मीर में इस्तेमाल के लिए भारत जे हिस्से के पानी का भंडारण होगा और बाकी पानी रावी व्यास लिंक के जरिये अन्य राज्यों के बेसिन में प्रवाहित होगा.
इंडस वाटर ट्रीटी
भारत ने 1960 में पाकिस्तान के साथ इंडस वाटर ट्रीटी की थी. इस ट्रीटी के मुताबिक, भारत अपनी 6 नदियों से पाकिस्तान को पानी देना था. पाकिस्तान को भारत करार में तय मात्रा से से ज्यादा पानी दे रहा है. इस ट्रीटी पर उस वक़्त के पीएम जवाहर लाल नेहरू और पाक प्रेसिडेंट जनरल अयूब खान ने साइन किए थे. इसके मुताबिक, भारत पाक को अपनी सिंधु, झेलम, चिनाब, सतलुज, व्यास और रावी नदी का पानी देगा. इन नदियों का 80 फीसदी से ज्यादा पानी पाकिस्तान को मिलता है.
MFN का दर्जा लिया वापस
इससे पहले भारत ने आर्थिक मोर्चे पर कड़ी कार्रवाई करते हुए भारत ने पाकिस्तान से आयात होने वाले सभी सामानों पर सीमाशुल्क तत्कार प्रभाव से बढ़ाकर 200 फ़ीसदी कर दिया. इससे पहले भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया था.
बता दें कि जम्मू -कश्मीर में 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले में एक आत्मघाती हमला किया. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए जबकि कई घायल हो गए. पुलवामा जिले में आतंकी ने श्रीनगर-जम्मू हाई-वे पर अपनी विस्फोटकों से लदी एसयूवी सीआरपीएफ की बस से टकराकर उसमें विस्फोट कर दिया. धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए और आस पास जवानों के शव टुकड़ों में सड़क पर बिखेर गए. जैश ए मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. पुलिस ने आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है. उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था.
Source : News Nation Bureau