रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के लोकसभा में भारत-चीन सीमा तनाव पर बयान के पहले से ही चीन संग गतिरोध और तनाव में कमी देखने को आ रही है. इस कड़ी में भारत और चीन के बीच सेना को पीछे हटाने को लेकर हुए अहम फैसले के बाद चीन ने पूर्वी लद्दाख सीमा से अपने 200 से अधिक टैंक पीछे हटा लिए हैं. गुरुवार तक चीन की सेना ने पैंगोग (Pangong) के तट से अपने टैंक वापस हटा लिए और अपने सैनिकों को वहां से वापस लाने के लिए कई भारी वाहन भी तैनात किए हैं. भारत और चीन के बीच बीते नौ महीनों से तनाव जारी है. हालिया बैठक में भारत (India) और चीन के बीच तनाव कम करने की दिशा में एक अहम फैसला लिया गया है. भारत और चीन दोनों ने ही पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी किनारों से अपनी-अपनी सेनाएं हटाने का फैसला लिया है. इस समझौते के बाद भारत पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में अपनी स्थिति को लेकर बरकरार है.
पैंगोंग से भी पीछे हटा चीन
इस समझौते के बाद चीन ने तेजी से अपनी सेना पीछे हटाने का काम शुरू कर दिया है. अब तक चीन पैंगोंग झील के आस-पास के इलाके से अपने 200 से अधिक टैंक पीछे हटा चुका है. इसके साथ ही चीन ने अपनी सेनाएं वापस ले जाने के लिए कई भारी वाहन भी पूर्वी लद्दाख सीमा पर तैनात किए हैं. गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच हुए इस समझौते के बाद भी कई बार ऐसा मौका आया जब चीन इस समझौते से पीछे हटने की कोशिश करता रहा. भारत और चीन के कई शीर्ष सैन्य अधिकारियों के बीच चली लंबी दौर की वार्ता के बाद ही सेना पीछे हटाने का समझौता संभव हो सका. समझौते के बाद ही चीन के तेजी से सेना हटाने के कदम से भारत के साथ ही पूरे विश्व को हतप्रभ कर दिया है. गुरुवार को संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत और चीन के पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी किनारों से सेनाओं के पीछे हटने के समझौते के बारे में जानकारी दी. इस समझौते के अनुसार शनिवार तक भारत और चीन दोनों ही देश पैंगोंग त्सो इलाके से अपनी सेनाएं वापस ले लेंगे.
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गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स पर होगी अब बातचीत
सेनाओं के पीछे हट जाने के बाद पैंगोंग त्सो के उत्तर में गश्त बिंदु 15 (गोगरा) और 17 (हॉट स्प्रिंग्स) क्षेत्र को लेकर डिसइंगेजमेंट की वार्ता भी शुरू कर दी जाएगी. एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया, 'चीनी वापसी की तेजी उसकी तैनाती करने की क्षमता को भी दर्शाती है. यह एक सैन्य कला है. भारतीय पक्ष ने भी अपने टैंकों को पीछे किया है, लेकिन सबसे बुरी परिस्थिति के लिए आकस्मिक योजनाएं भी तैयार हैं.' उन्होंने कहा कि गुरूवार शाम तक लद्दाख में 1,597 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य वापसी की कार्यवाही संतोषजनक तरीके से चल रही थी. अधिकारियों ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी सेना होने की शेखी बघारने वाले और उभरती महाशक्ति चीन को उसके स्थायी कैंप पर वापस लौटने के लिए राजी करना किसी उपलब्धि से कम नहीं है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों में तीन दिन के अंदर सेनाओं की पूरी तरह से पीछे हटाने का समझौता हुआ है.
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चीन फिंगर आठ तो भारत फिंगर तीन तक हटेगा पीछे
सरकारी अधिकारियों ने बताया कि समझौते का मूल सिद्धांत यह है कि दोनों सेनाएं अंत में अपने स्थायी कैंपों तक पीछे हटेंगी जैसा कि अप्रैल, 2020 में था. इसका मतलब उत्तरी किनारे पर चीन अपने सैनिकों को फिंगर आठ के पूर्व में स्थित श्रीजाप सेक्टर तक पीछे हटाएगा, वहीं भारतीय सेना फिंगर तीन पर स्थित अपने धन सिंह थापा स्थायी कैंप तक पीछे हटेगी. दक्षिणी किनारे पर भी यही भारत चुशूल और चीन मोल्डो तक पीछे हटेंगे.
HIGHLIGHTS
- आज शाम तक समझौते के तहत पीछे हट जाएगा चीन
- पूर्वी लद्दाख सीमा से पीछे हटाए 200 युद्धक टैंक
- भारत भी कुछ पीछे हटा, लेकिन इमरजेंसी के लिए तैयार