राजस्थान में सरकार बदलते ही फिर शुरू हुई महाराणा प्रताप और अकबर की लड़ाई

प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आते ही महाराणा प्रताप और अकबर की महानता को लेकर छिड़ी बहस का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है

author-image
kunal kaushal
एडिट
New Update
राजस्थान में सरकार बदलते ही फिर शुरू हुई महाराणा प्रताप और अकबर की लड़ाई
Advertisment

महापुरुषों की महानता को लेकर एक बार फिर राजस्थान की सियासत गरमा गई है. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आते ही महाराणा प्रताप और अकबर की महानता को लेकर छिड़ी बहस का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है. जहां राज्य शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा इस पर गोलमोल बातें कर रहे हैं, वहीं परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास सीधे तौर पर महाराणा प्रताप को महान बताकर इस विवाद में कूद गए हैं. वहीं बीजेपी ने शिक्षा मंत्री के रवैये को दुर्भाग्यपूर्ण बताया गया है.

बीजेपी सरकार के समय तत्कालीन शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने महाराणा प्रताप को महान बताकर और इसके साथ पाठ्यक्रम में कई बदलाव कर इस तरह के विवाद को शुरू किया था. वहीं अब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद यह विवाद फिर शुरू हो गया है. शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा महाराणा प्रताप को महान बताने के सवाल पर दो बार गोलमोल जवाब दे चुके हैं.

कैबिनेट की बैठक के बाद उन्होंने मीडिया के सवालों पर कहा था कि हमने नहीं कहा कि यह महान है या वो महान है. अब तक जो कुछ पढ़कर आप और हम इस काबिल बने हैं,
उस पाठ्यक्रम में बदलाव किस कारण से किया गया, इसकी समीक्षा होना जरूरी है. इसके साथ ही उन्होंने निजी तौर पर महारणा प्रताप या अकबर को महान बताने से इंकार करते हुए कहा था कि अब उनका व्यक्तिगत कुछ नहीं है, क्योंकि उन्हें प्रदेश की जनता ने जिस पद पर बैठाया है, उसके अनुसार उन्हें सभी लोग और वर्ग
के अनुसार निर्णय करना है.

यह विवाद यहीं खत्म नहीं हुआ और राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास इस विवाद में कूद गए. खाचरियावास ने प्रताप को वीरता और अखण्डता का प्रतीक बताया. साथ ही उन्हें मात्र क्षत्रियों का नेता मानने को उनका अपमान जैसा करार दिया. उन्होंने महाराणा प्रताप को हर जाति-धर्म को साथ लेकर विदेशी आक्रमणकारियों के विरुद्ध लडऩे वाला भारत मां का सच्चा सपूत बताया. उन्होंने कहा महाराणा प्रताप को किसी प्रमाण की आवयश्कता नहीं है और इस तरह के सवालों को गलत बताया.

उधर, मौके की ताक में बैठी बीजेपी ने भी लगे हाथ इस पर कांग्रेस को घेर लिया. पूर्व मंत्री और विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि कांग्रेस सरकार के शिक्षा मंत्री मानसिक दिवालियापन है, आखिर डोटासरा हिंदुस्तान में रहते हैं या पाकिस्तान में, महाराणा प्रताप और अकबर की तुलना कैसे हो सकती है. महाराणा प्रताप पर राजनीति करना गलत है. शिक्षा मंत्री के महाराणा प्रताप को महान नहीं मानना दुर्भाग्यपूर्ण है.

Source : News Nation Bureau

rajasthan Maharana Pratap Ashok Gehlot congress govt.
Advertisment
Advertisment
Advertisment