निर्भया के दोषियों की फांसी के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि निर्भया के साथ न्याय हुआ है. महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसका अत्यधिक महत्व है. हमारी नारी शक्ति ने हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. हमें मिलकर एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है, जहां महिला सशक्तीकरण पर ध्यान केंद्रित किया जाए, जहां समानता और अवसर पर जोर दिया जाए.
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शुक्रवार सुबह 5.30 बजे निर्भया गैंग रेप मामले के चारों दोषियों को दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई. दिसंबर 2012 में हुए इस जघन्य अपराध ने पूरे देश के झकझोर दिया था. निर्भया को इंसाफ दिलाने के लिए पूरा देश सड़क पर उतर आया था. लोगों में इस घटना के लेकर ऐसा आक्रोश पहली बार दिखाई दिया था. ट्रायल कोर्ट ने सुनवाई के दौरान फांसी की सजा सुनाई.
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दोषी लगातार फांसी से बचने के लिए कानूनी हथकंडे अपना रहे थे. 20 मार्च से पहले तीन बार और इन्हें फांसी दिए जाने के लिए डेथ वारंट जारी किया जा चुका था. 22 जनवरी, 1 फरवरी और तीन मार्च के लिए जारी इनके डेथ वारंट को कानूनी पेचीदगियों के चलते रद्द करना पड़ा था. बार-बार डेथ वारंट रद्द होने के कारण लोगों में आक्रोश बढ़ रहा था. जब दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो गए तो फांसी से एक दिन पहले भी दोषियों के वकील कोर्ट पहुंचे और फांसी टालने के लिए कई दलीलें दी लेकिन कोर्ट ने फांसी का रास्ता साफ कर दिया.