राज्यों को आरक्षण के लिए ओबीसी सूची तैयार करने का अधिकार देने वाले संविधान संशोधन विधेयक को सोमवार को लोकसभा में पेश हो गया है. खास बात यह रही कि सरकार के इस फैसले का समर्थन विपक्ष ने भी किया. दरअसल मई में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में मराठों को ओबीसी में शामिल कर आरक्षण देने के फैसले पर रोक लगा दी थी. सरकार इसी फैसले के बाद इस कानून को लेकर आई है. इस विधेयक के लागू होने के बाद देशभर में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण का रास्ता खुल जाएगा. इस बिल के बाद अब विपक्ष आरक्षण को लेकर 50 फीसद की सीमा को हटाने की मांग कर रहा है. कांग्रेस ने भी 127वें संविधान संशोधन विधेयक का समर्थन करने के संकेत दे दिए हैं.
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विपक्षी दल कर सकते हैं मांग
आरक्षण की 50 फीसद की सीमा को हटाने की मांग के लिए कांग्रेस के साथ ही कई और विपक्षी दल सामने आ सकते हैं. गौरतलब है कि पिछले काफी समय से ओबीसी संगठन इस सीमा को खत्म करने की मांग करते आ रहे हैं. इसे लेकर महाराष्ट्र में राजनीतिक जोरों पर है. दरअसल मराठा कोटा को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा था कि यह 50 फीसदी की सीमा का भी उल्लंघन करता है. विपक्षी दलों की मांग है कि 50 फीसद की लिमिट को खत्म कर दिया जाए.
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ओबीसी बिल को लेकर विपक्ष नरम
मौजूदा मानसून सत्र लगातार हंगामे की भेंट चढ़ गया है. लगातार हंगामे के कारण सरकार कई बिलों को संसद में पेश नहीं कर पाई. संसद की कार्यवाही को भी लगातार स्थगित करना पड़ा. हालांकि ओबीसी और आरक्षण बिल को लेकर विपक्ष नरम नजर आ रहा है. विपक्ष ने ओबीसी बिल पर सरकार का समर्थन किया है. विपक्ष का कहना है कि केंद्र जल्द आरक्षण को लेकर बिल संसद में लाए जिससे ओबीसी आरक्षण की लिमिट को खत्म किया जा सके. कांग्रेस ने भी 127वें संविधान संशोधन विधेयक का समर्थन करने के संकेत दे दिए हैं.