पाकिस्तान ने बुधवार को कहा कि इस्लामाबाद ने शांति के कदम के तहत भारतीय वायुसेना के पायलट को छोड़ दिया और अब गेंद भारत के पाले में है. इसके साथ ही इस्लामाबाद ने कहा कि अगर नई दिल्ली फिर से तनाव बढ़ाने की कोशिश करता है तो स्थिति 'खराब' हो जाएगी. यह टिप्पणी पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसिस पब्लिक रिलेसंस (आईसीपीआर) के महानिदेशक आसिफ गफूर ने सीएनएन से की. कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद घटना की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद(जेईएम) ने ली थी, जिसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में जेईएम के प्रशिक्षण शिविरों पर हमला किया था.
बाद में 27 फरवरी को दोनों देशों की वायुसेनाओं के बीच झड़प में भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर को पाकिस्तान ने बंधक बना लिया था. पाकिस्तान ने शांति के कदम के तौर पर एक मार्च को विंग कमांडर को रिहा कर दिया था.
गफूर ने सीएनएन से कहा, "अब गेंद भारत के पाले में है. यदि उन्होंने तनाव बढ़ाने के बारे में सोचा, तो इससे स्थिति बुरी हो जाएगी."
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत और पाकिस्तान युद्ध के करीब थे? उन्होंने कहा, "हम थे, मैं कहूंगा कि हम युद्ध के करीब थे, क्योंकि जब उन्होंने हमारे वायुक्षेत्र का उल्लंघन किया तो, हम भी इसका जवाब देने के लिए आगे बढ़े."
उन्होंने कहा, "अब यह भारत पर है कि वे वायुसेना के पायलट की रिहाई को शांति के कदम के तौर पर देखते हैं व तनाव घटाने की ओर बढ़ते हैं या अपने एजेंडे पर कायम रहते हैं."
नियंत्रण रेखा पर स्थिति के बारे में बात करते हुए, गफूर ने कहा, "नियंत्रण रेखा के पास, हम एक-दूसरे के आमने-सामने हैं. दशकों से एलओसी पर जवानों की उपस्थिति है. लेकिन भारत की कार्रवाई और उसके बाद हमारी प्रतिक्रिया के बाद दोनों तरफ सुरक्षा उपाय किए गए हैं."
उन्होंने कहा कि जवानों की संख्या में वृद्धि हुई है, 'क्योंकि यह एक सैन्य योजना के हिस्से के तहत सहज प्रतिक्रिया है.' जब स्थिति विकट हो जाती है तो सुरक्षा उपाय किए जाते हैं.
बालाकोट हमले में मारे गए आतंकवादियों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर गफूर ने कहा, "उनका दावा झूठा है और मैं विश्वास करता हूं कि उनकी तरफ से भी बाद में यह घोषणा होगी कि हमले में कोई हताहत नहीं हुआ था."
Source : IANS