विशाखापत्तनम में गैस लीक मामले के बाद गृह मंत्रालय ने रविवार को गाइडलाइन जारी की है. ये गाइलाइ मैन्यूफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज के लिए हैं जिनका पालन उनको लॉकडाउन के बाद करना होगा. इस गाइडलाइन के मुताबिक इंडस्ट्रीज को शुरुआती हफ्ते में बतौर ट्रायल या टेस्ट ते तौर पर शुरू करने के आदेश दिए गए हैं. यानी यूनिट को शुरू करने के बाद पहले हफ्ते ट्रायल के तौर पर काम करें. इस दौरान सभी की सुरक्षा और प्रोटोकॉल का ध्यान देना होगा. इसी के साथ शुरुआती हफ्ते में ऐसा कोई भी काम नहीं करना है जिसमें ज्यादा उत्पादन करने का लक्ष्य हो.
गाइडलाइन में कहा गया है कि किसी भी तरह के खतरे से बचने के लिए ये जरूरी है कि जो भी मशीनें कर्मचारी छुएं वो अच्छी तरीके से सैनिटाइज की हुईं हो. इसी के साथ हर परिस्थिती के लिए सजग रहे.काम शुरु करने से पहले सुरक्षा के लिहाज से सभी मशीनों को जरूर जांच लें.
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बता दें, ये गाइडलाइन विशाखापत्तनम हादसे के बाद जारी की गई हैं. दरअसल विशाखापत्तनम जिले के गोपालपट्टनम आर.आर. वेंकटपुरम गांव में गुरुवार तड़के तीन बजे रासायनिक संयंत्र में स्टाइरीन गैस लीक की घटना घटी. इस गैस ने नारवा, बीसी कॉलोनी, बापूजी नगर, कम्पलापालम और कृष्णा नगर के आसपास के गावों को प्रभावित किया है. स्टाइरीन गैस की प्रकृति विषाक्त है, औैर इससे लोगों में त्वचा, आंखों में जलन और सांस संबंधित दिक्कतें पैदा हुई हैं.
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फार्मा कंपनी में रासायनिक गैस लीकेज होने से अब तक 11 लोगों की जान चली गई , जबकि करीब 1000 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. एहतियातन प्रशासन ने कंपनी के आसपास के करीब 5 गांवों को खाली करवा दिया गया था.
एल.जी पॉलिमर नाम की यह फार्मा कंपनी विशाखापत्तनम के आर.आर. वेंकटपुरम गांव में स्थित है. गुरुवार को सुबह रासायनिक गैस लीकेज की सूचना मिली. लोगों को पहले आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ हुई. शिकायत के बाद प्रशासन सक्रिय हुआ और लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. सैकड़ों लोगों को सिर दर्द, उल्टी और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद अस्पताल भर्ती कराया गया.