अग्निपथ स्कीम ( Agnipath scheme) को लेकर जारी प्रदर्शन के बीच सेना की तरफ से ये साफ कर दिया गया है की किसी भी दबाव में यह स्कीम वापस नही होगी. साथ ही यह चेतावनी दी गई है की आगजनी, तोड़फोड़ और गैर कानूनी ढंग से प्रदर्शन में शामिल होने वाले अग्निवीर नहीं बन पाएंगे, उनके लिए सेना में कोई जगह नहीं है क्योंकि सेना का पहला वसूल है अनुशासन. अग्निपथ स्कीम को लेकर जो सवाल उठ रहे है उनका जवाब देने के लिए तीनो सेनाओं की ओर से एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई.
इसमें थल सेना से लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा, एडजुटेंट जनरल, थल सेना, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी, अतिरिक सचिव ,डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स, वाईस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी चीफ ऑफ पर्सनल, नौसेना एयर मार्शल सूरज झा ,एयर ऑफिसर इंचार्ज ऑफ पर्सनल मौजूद थे. उन्होंने बताया कि चार साल बाद अग्निवीर क्या कर सकते हैं? आइए पड़ताल करने की कोशिश करते कि युवा को किस तरह इस स्कीम का लाभ मिलेगा.
क्या होंगे फायदे
सेना की तरफ से बयान में कहा गया है कि अग्निवीरों को चार साल बाद मिलने वाली 11.7 लाख की राशि का जो चाहे वह कर सकते हैं. उनके लिए ब्रिजिंग कोर्स के प्रावधान पर विचार किया जा रहा है. इस पर भी तैयारी जारी है. सेना की तरफ से ये भी कहा गया कि फौज की नौकरी एक जज्बा है ना की पे एलाउंस का मसला. फिर भी तुलना करें तो एलाउंस ज्यादा मिल रहा है. वहीं अग्नीवीर और अन्य के रिस्क एलाउंस में कोई अंतर नहीं है, रिस्क एलाउंस बराबर मिलेगा और उसमे कोई बदलाव नहीं होने वाला है.
सीएपीएफ में आरक्षण देने की योजना
रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया कि अग्निवीरों को सीएपीएफ में प्राथमिकता मिलेगी. सीएपीएफ में आरक्षण देने की योजना पहले से थी, क्योंकि सरकार को मालूम था कि ये जो 75 फीसदी अग्निवीर 4 वर्ष बाद निकलने वाले हैं. ये देश की ताकत बनने वाले हैं. राज्य की सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पुलिस में अग्निवीरों को प्राथमिकता मिलेगी. चार राज्य तो ऐसे हैं, जिन्होंने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि सभी अग्निवीरों को नौकरी मिलेगी. इसके अलावा बैंक अग्निवीरों को क्रेडिट देंगे.
जॉब सिक्योरिटी का सवाल
जॉब सिक्योरिटी के सवाल पर ये भी स्पष्ट किया गया की जो 75 फीसदी अग्नीवीर 4 साल की नौकरी पूरी करके आयेंगे. उन्हें 12 वीं पास का सर्टिफिकेट मिलेगा साथ ही उनके स्किल के मुताबिक स्कील इंडिया का भी सर्टिफिकेट मिलेगा. केंद्र से लेकर राज्य सरकार भी अपनी नौकरियों में वरीयता और आरक्षण की घोषणा कर रही है. इसके साथ ही पीएसयू और कॉरपोरेट हाउस भी अग्नीवीरो को प्राथमिकता देंगे.
बाहर के देशों की स्टडी की गई
एक प्रेस कांफ्रेंस के जरिए समझाने की कोशिश की गई कि यह रिफॉर्म काफी समय से लंबित था. 1989 में रिफॉर्म्स पर काम आरंभ हो गया था. इसके लिए बाहर के देशों की स्टडी की गई. सभी देशों के अंदर उम्र को देखा गया. लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि आज का युवा पहले से अधिक बेहतर है. इसका मतलब ये नहीं है कि पहले वाले खराब थे. मगर आने वाले युवा और बेहतर होने वाले हैं.
1 जुलाई को अधिसूचना जारी होगी
लेफ्टिनेंट जनरल बंशी पुनप्पा का कहना है कि सेना में अग्निवीरों की भर्ती के लिए 1 जुलाई को अधिसूचना जारी होगी. जिसके बाद लोग एप्लीकेशन रजिस्ट्रेशन की शुरुआत करेंगे. भर्ती के लिए पहली रैली अगस्त के दूसरे सप्ताह में आरंभ होगी.इस प्रेस कांफ्रेंस में तीनों ही सेनाओं ने इस स्कीम के तहत भर्ती की तारीख का भी ऐलान किया. आर्मी अग्नीवीर के तहत भर्ती के लिए रैली अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और नवंबर के महीने में देश के हर हिस्से में करेगा. इंडक्शन दो बैच में होगा जिसका पहला बैच दिसंबर पहले और दूसरे हफ्ते में और दूसरा बैच फरवरी में आएगा.
नेवी की ओर से कहा गया है की नवंबर की पहली तारीख से अग्नीवीर की ट्रेनिंग के लिए रिपोर्ट करना शुरू कर देंगे और नेवी में महिला और पुरुष दोनों की भर्ती होगी. नेवी 25 जून की भर्ती के लिए आवेदन निकाल देगी. वहीं एयर फोर्स की बात करें तो 24 जून से एयरफोर्स अग्नीवीर के लिए रिक्रूटमेंट शुरू करेगा जबकि 30 दिसंबर से पहला बैच ट्रेनिंग के लिए जायेंगे.
HIGHLIGHTS
- तीनों सेनाओं की ओर से एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई
- ब्रिजिंग कोर्स के प्रावधान पर विचार किया जा रहा है
- 4 साल की नौकरी पूरी करने पर 12 वीं पास का सर्टिफिकेट मिलेगा