भारत की अग्नि से परेशान चीन, पाकिस्तान के साथ बैलिस्टिक मिसाइल का करेगा संयुक्त उत्पादन

चीन अपने 'सदाबहार' दोस्त पाकिस्तान के साथ मिलकर बलिस्टिक, क्रूज, ऐंटी-एयरक्राफ्ट और ऐंटी-शिप मिसाइल बना सकता है।

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pradeep tripathi
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भारत की अग्नि से परेशान चीन, पाकिस्तान के साथ बैलिस्टिक मिसाइल का करेगा संयुक्त उत्पादन
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भारत की अग्नि पांच से परेशान चीन पाकिस्तान के साथ मिसाइल बनाने की योजना बना रहा है। चीन अपने 'सदाबहार' दोस्त पाकिस्तान के साथ मिलकर बलिस्टिक, क्रूज, ऐंटी-एयरक्राफ्ट और ऐंटी-शिप मिसाइल बना सकता है।

भारत ने 2016 में जब अग्नि 5 मिसाइल टेस्ट किया था तो चीन की परेशानी बढ़ गई थी। बैखलाहट के कारण उसने नाराजगी और आपत्ति दर्ज़ की थी। चीन के सरकारी अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' के अनुसार चीन पाकिस्तान के साथ मिलकर मिसाइल के संयुक्त उत्पादन पर काम कर सकता है।

गुरुवार को बीजिंग में पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर बाजवा और चीन की सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी फांग फेंगजुई की मुलाकात हुई। इस बैठक के दौरान ही दोनों देशों के बीच रक्षा समझौता किया गया। चीन के सहयोग के बदले इस्लामाबाद ने चीन को चीन पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर की पूरी सुरक्षा का भरोसा दिया है। चीन के रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी बयान के मुताबिक, इस बैठक के दौरान बाजवा ने कहा, 'चीन और पाकिस्तान की दोस्ती खास है और उनके हित भी समान हैं।'

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हालांकि चीन के विदेश विभाग ने ग्लोबल टाइम्स की इस खबर पर की पुष्टि करने से इनकार कर दिया लेकिन ये ज़रूर कहा कि हम दक्षिण एशिया में 'रणनीतिक संतुलन' बनाए रखना चाहते हैं।

हालांकि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के उन प्रस्तावों की याद दिलाया जिसमें परमाणु क्षमता के बैलिस्टिक मिलाइल के परीक्षण पर रोक लगाने की बात की गई है। लेकिन विदेश विभाग की प्रवक्ता हूआ ने कहा,'दक्षिण एशिया में रणनीतिक संतुलन को लेकर हमारी स्थिति नहीं बदलेगी।'

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सीपीईसी की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान ने अपने 15,000 जवानों को तैनात किया है। इसके साथ ही पाकिस्तानी नौसेना ने ग्वादर बंदरगाह की भी सुरक्षा बढ़ा दी है।

सीपीईसी चीन की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पीओेके से होकर गुजरने वाला यह आर्थिक गलियारा चीन के शिनजांग प्रांत को बलूचिस्तान स्थित ग्वादर बंदरगाह से जोड़ता है।

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चीन की सेना में काम कर चुके एक सैन्य विशेषज्ञ ने ग्लोबल टाइम्स को बताया, 'पाकिस्तान को तालिबान और अल-कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों से हमेशा खतरा बना रहता है। ऐसे में सैन्य सहयोग जरूरी है। चीन और पाकिस्तान के बीच का सैन्य सहयोग उस इलाके की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, जहां चीन ने इतना बड़ा निवेश किया है।'

जानकारी के मुताबिक, चीन यात्रा के दौरान पाक सेनाध्यक्ष बाजवा ने कहा है कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी से आतंकवाद पर काबू पाया जा सकेगा।

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Source : News Nation Bureau

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