Farmers Protest: नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है. इसे लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कांग्रेस ने अपनी सरकार में किसान के लिए क्यों कुछ नहीं किया. कांग्रेस के 2019 के मेनिफेस्टो में ये तीनों बिल के तत्व थे. राहुल गांधी बताएं कि वो आज झूठ बोल रहे हैं या 2019 में झूठ बोल रहे थे. आपातकाल लगाने वाले लोग आज लोकतंत्र की बात कर रहे हैं.
किसान मजदूर संघ बागपत के 60 किसानों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद कृषि मंत्री तोमर ने आगे कहा कि मैं किसानों के समर्थन के लिए उनका धन्यवाद देता हूं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जो बोलते हैं उसे कांग्रेस भी गंभीरता से नहीं लेती है. मैंने किसानों से पूछा कि कोई और हस्ताक्षर कराने के लिए आया तो उन्होंने बताया कि कोई नहीं आया.
नरेंद्र सिंह तोमर ने आगे कहा बागपत के किसान गुरुवार को कृषि मंत्रालय में आए. पूरे देश में बागपत कृषि के लिए प्रसिद्ध है. ये किसान कृषि कानून के समर्थन में आए हैं और इन्होंने मुझे एक समर्थन पत्र भी सौंपा है और कहा कि मोदी सरकार को किसी दबाव में आने की जरूरत नहीं है.
सरकार ने किसान यूनियनों को वार्ता के लिए फिर आमंत्रित किया
सरकार ने प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों को वार्ता के लिए बृहस्पतिवार को फिर आमंत्रित किया, लेकिन स्पष्ट किया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित किसी भी नई मांग को एजेंडे में शामिल करना ‘‘तार्किक’’ नहीं होगा, जिसका नए कृषि कानूनों से कोई संबंध नहीं है.
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने 40 किसान नेताओं को लिखे तीन पन्नों के पत्र में कहा कि मैं आपसे फिर आग्रह करता हूं कि सरकार प्रदर्शन को समाप्त कराने के लिए सभी मुद्दों पर खुले मन से और अच्छे इरादे से चर्चा करती रही है और ऐसा करती रहेगी. कृपया (अगले दौर की वार्ता के लिए) तारीख और समय बताएं.
सरकार और किसान संगठनों के बीच पिछले पांच दौर की वार्ता का अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है. दिल्ली की सीमाओं पर लगभग एक महीने से प्रदर्शन कर रहे किसान तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े है.
अग्रवाल ने किसान यूनियनों से कहा कि वे उन अन्य मुद्दों का भी ब्योरा दें जिनपर वे चर्चा करना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि वार्ता मंत्री स्तर पर नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में होगी. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुद्दे पर अग्रवाल ने कहा कि कृषि कानूनों का इससे कोई लेना-देना नहीं है और न ही इसका कृषि उत्पादों को तय दर पर खरीदने पर कोई असर पड़ेगा.
Source : News Nation Bureau