अगस्ता वेस्टलैंड डील में दलाली के आरोपों में गिरफ्तार किए गए क्रिस्चन मिशेल से पूछताछ जारी है. इसके साथ ही विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) के जरिए क्रिस्चन मिशेल को कौंसुलर एक्सेस यानी राजनयिक पहुंच मिल गई है. जिसके बाद मिशेल का वकील सीबीआई हेडक्वार्टर में जाकर उससे मुलाकात की.
बता दें कि भारत सरकार को ब्रिटिश उच्चायोग की तरफ से एक अनुरोध पत्र मिला था जिसमें उसने ने भारत सरकार से ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल को राजनयिक पहुंच देने की मांग की थी. जिसे विदेश मंत्रालय ने मंजूर कर लिया.
गौरतलब है कि मिशेल को भारत लाए जाने के एक दिन बाद बुधवार को सीबीआई की पांच दिन की हिरासत में भेज दिया गया था. उच्चायोग के एक प्रवक्ता ने बताया कि मिशेल की 'परिस्थितियों' पर भारतीय अधिकारियों से तत्काल जानकारी मांगी गई है और ब्रिटिश सरकार उनके परिवार के संपर्क में है. नाम ना बताने की शर्त पर उच्चायोग के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि मिशेल को राजनयिक पहुंच देने की मांग की.
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प्रवक्ता ने कहा, 'हमारे कर्मचारी संयुक्त अरब अमीरात में हिरासत में लिए जाने के बाद से ही ब्रिटिश व्यक्ति के परिवार का लगातार सहयोग कर रहे हैं. हम उनके मामले के संबंध में उनके परिवार और अमीरात के अधिकारियों के संपर्क में हैं तथा उनकी परिस्थितियों पर भारतीय अधिकारियों से तत्काल जानकारी मांगी है.'
मिशेल को 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता-वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले के संबंध में जांच का सामना करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात द्वारा प्रत्यर्पित करने के बाद मंगलवार देर रात भारत लाया गया था. मिशेल इस सौदे में शामिल तीन बिचौलियों में से एक हैं. इसके अलावा ग्यूडो हैशके और कार्लो गेरोसा है.
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सीबीआई ने आरोप लगाया है कि वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए आठ फरवरी 2010 को हुए सौदे से राजकोष को तकरीबन 2,666 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जून 2016 में मिशेल के खिलाफ दाखिल अपने आरोप पत्र में कहा कि उसे अगस्ता-वेस्टलैंड से करीब 225 करोड़ रुपये मिले थे.
Source : News Nation Bureau