3,600 करोड़ रुपये के अगस्तावेस्टलैंड (augusta westland scam) वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में आज स्पेशल कोर्ट ने बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल (Christian Michel) को 28 दिसंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की चार दिनों की हिरासत समाप्त होने पर मिशेल को विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के सामने पेश किया गया था. गौरतलब है कि भारतीय जांच एजेंसियों ने मिशेल को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से चार दिसंबर को भारत लेकर आई थी.
अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में बिचौलिए की भूमिका में 3,600 करोड़ रुपये की मांग करने वाले ब्रिटिश कारोबारी क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को 4 दिसंबर की रात भारत लाया गया था. यूएई की एक अपीलीय अदालत द्वारा 19 नवंबर को निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखने पर उनको भारत लाया गया. निचली अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि जेम्स को प्रत्यर्पित किया जा सकता है. बता दें कि जांच एजेंसियों का कहना है कि मिशेल से पूछताछ में अहम जानकारी मिली है. लेकिन उसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है.
क्या है मामला ?
वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले से जुड़े इस मामले में तीन आरोपी हैं जिनमें से एक मिशेल हैं. मामले की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जा रही है. भारतीय जांच एजेंसियों के अनुसार, मिशेल ने अगस्ता वेस्टलैंड को हेलीकॉप्टर का ठेका दिलाने के लिए 235 करोड़ रुपये लिए थे. वह अक्सर भारत का दौरा करते थे. उन्होंने 1997 से लेकर 2013 तक 300 बार भारत के दौरे किए.
भारत ने 1 जनवरी 2014 में अगस्ता वेस्टलैंड की सहायक कंपनी फिनमेकानिका से 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना को आपूर्ति करने का सौदा रद्द कर दिया था. यह सौदा कथित तौर पर संविदा की शर्तो को तोड़ने और 423 करोड़ रुपये का रिश्वत देने के आरोपों के उजागर होने पर रद्द किया गया. सीबीआई ने 12 मार्च 2013 को मामले में एफआईआर दर्ज की थी. एजेंसी का आरोप है कि त्यागी और अन्य आरोपियों ने अगस्ता वेस्टलैंड को ठेका दिलवाने में उससे रिश्वत ली थी.
Source : News Nation Bureau