अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर मामले में दिल्ली की अदालत ने भारतीय वायु सेना के पूर्व प्रमुख (एयर चीफ मार्शल) एस पी त्यागी और उनके भाइयों को जमानत दे दी है। एस पी त्यागी के अलावा अदालत ने बुधवार को उपस्थित हुए अन्य आरोपियों की जमानत मंजूर कर दी। कोर्ट ने जमानत पाए सभी लोगों को निर्देश दिया कि वे सभी जमानत बॉन्ड के रूप में एक लाख रुपये की राशि जमा करें और इतनी ही जमानती राशि जमा करें।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में 3600 करोड़ रुपये के इस मामले में एस पी त्यागी, उनके दो रिश्तेदारों, वकील गौतम खेतान, इटली के नागरिक कार्लो गेरोसा और गुइडो हेश्के समेत 34 व्यक्तियों और विदेशी व घरेलू कंपनियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था।
धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के अंतर्गत आरोपपत्र दाखिल करते वक्त ईडी ने दंडाधिकारी से कहा था कि धनशोधन 'कई विदेशी कंपनियों' के जरिए किया गया था। अदालत को बताया गया था कि 'विदेशी कंपनियों को सामने कर उनकी आड़ में कथित रूप से घूस ली गई।'
ईडी ने आरोपपत्र में आईएएफ के पूर्व प्रमुख के रिश्तेदार संजीव त्यागी और राजीव त्यागी, अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ ब्रूनो स्पागनोलिनी, इटली की रक्षा और एयरोस्पेस कंपनी फिनमेकेनिका के पूर्व प्रमुख जियुसेप्पे ओरसी का नाम भी शामिल किया था।
ईडी ने इसके अलावा दुबई स्थित कंपनी मैट्रिक्स होल्डिंग्स के निदेशक राजीव सक्सेना, उनकी पत्नी शिवानी सक्सेना ओर वकील गौतम खेतान की पत्नी ऋतु खेतान का नाम भी आरोपपत्र में शामिल किया था।
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आरोपपत्र में कुछ घरेलू और विदेशी कंपनियों के नाम भी शामिल थे, जिनमें एयरोमेट्रिक्स इनफो सोल्यूशन लिमिटेड, विंडसर ग्रुप होल्डिंग्स, इसमैक्स इंटरनेशनल लिमिटेड, क्रिकलवुड लिमिटेड, लांग लास्टिंग लिमिटेड, मैट्रिक्स होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड, यूएचवाई सक्सेना, दुबई इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, ओ पी खेतान एंड को इंटरनेशनल मेडिटेरिनियन कंसलटिंग, ट्यूनिश इंफोटेक डिजाइन सिस्टम, गोर्डियन सर्विसेज, फिनमेक्के निका एसपीए और अगस्ता वेस्टलैंड शामिल हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) मामले में पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर चुकी थी। भारत ने 1 जनवरी 2014 को फिनमेकेनिका की ब्रिटिश सहायक कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से लिए जाने वाले 12 एवी-101 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर के कांट्रेक्ट को रद्द कर दिया था। भारत ने यह कदम मामले में संविदात्मक दायित्वों के कथित उल्लंघन और 423 करोड़ रुपये घूस देने के आरोप की वजह से उठाया था।
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सीबीआई ने इससे पहले 12 मार्च 2013 को एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें 2004 से 2007 तक आईएएफ प्रमुख रहे एस पी त्यागी और अन्य पर अगस्ता वेस्टलैंड को कांट्रेक्ट दिलवाने के लिए घूस लेने का आरोप लगाया गया था। सीबीआई के अनुसार, एस पी त्यागी ने कथित रूप से अगस्ता वेस्टलैंड से बिचौलिये के जरिए कई करोड़ रुपये घूस के रूप में लिए थे।
Source : News Nation Bureau