यूपी के बांदा में नोटबंदी और कैश की कमी की वजह से एक चार साल की मासूम बच्ची की जान चली गई।
पेशे से मजदूर धर्मेंद्र वर्मा अपनी बीमार बेटी के इलाज के लिए पैसे निकालने के लिए बैंक की लाइन में खड़े थे लेकिन जब तक उन्हें पैसा मिलता तब तक बुखार से पीड़ित उनकी बेटी न दम तोड़ दिया।
मृतक बच्ची के पिता के मुताबिक उन्होंने पैसे के लिए कई बार इलाहाबाद ग्रामीण बैंक के चक्कर भी लगाए लेकिन उन्हें पैसा नहीं मिला। सोमवार को वो फिर अपनी बच्ची को लेकर ही बैंक आए थे ताकि पैसा निकालकर उसका इलाज करा सकें लेकिन जब तक उन्हें पैसा मिलता बच्ची की मौत हो गई।
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बच्ची की मौत की खबर मिलते ही गुस्साए लोगों ने बांदा-फतेहपुर रोड को जाम कर दिया और बच्ची के शव को सड़क रखकर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। जबकि बांदा के सीओ ने कहा है कि वो अभी इस मामले की जांच कर रहे रहे हैं।
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गौरतलब है कि 8 नवंबर को पुराने 500 और 1000 रु के नोट पर पाबंदी लगने के ऐलान के बाद से ही पैसे के लिए बैंक की लाइन में ही मौत हो जाने की कई खबरें सामने आ चुकी हैं।
HIGHLIGHTS
- यूपी के बांदा में चार साल की मासूम की गई जान
- पिता बैंक में पैसे के लिए करता रह गया अपनी बारी का इंतजार
Source : news stare bureau