ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को मेघालय हाई कोर्ट के उस फैसले को अस्वीकार्य करार दिया, जिसमें एक न्यायाधीश ने कहा है कि भारत को हिंदू राष्ट्र होना चाहिए. हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने कहा कि न्यायपालिका और सरकार को इस फैसले पर ध्यान देना चाहिए. घृणा फैलाने की कोशिश की जा रही है.
ओवैसी न्यायमूर्ति एसआर सेन द्वारा सोमवार को दिए गए फैसले पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. न्यायमूर्ति सेन सेना भर्ती में निवास प्रमाण पत्र के अस्वीकार किए जाने से जुड़ी एक याचिका के निपटारे के दौरान यह फैसला दिया.
एआईएमआईएम द्वारा बुधवार देर रात आयोजित एक सार्वजनिक सभा में ओवैसी ने कहा कि न्यायाधीश जिसने भारतीय संविधान की शपथ ली है, वह इस तरह का गलत निर्णय नहीं दे सकता.
ओवैसी ने न्यायमूर्ति सेन की टिप्पणी पर कहा, 'भारत इस्लामिक देश नहीं बनेगा. भारत एक बहुलतावादी व धर्म निरपेक्ष देश बना रहेगा.' न्यायमूर्ति सेन ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि किसी को भी भारत को दूसरा इस्लामिक देश बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.
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ओवैसी ने कहा, 'यह किस प्रकार का निर्णय है? क्या न्यायपालिका और सरकार इसका नोटिस लेंगी.' ओवैसी ने न्यायमूर्ति सेन को संविधान की व्याख्या करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने नहीं झुकने की सलाह दी.
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न्यायाधीश ने फैसले में कहा था कि उनका विश्वास मोदी में है कि वह भारत को दूसरा इस्लामिक देश बनने से बचाएंगे. उन्होंने मोदी से यह भी आग्रह किया कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रह रहे गैर मुस्लिमों को भारत आने की अनुमति व यहां की नागरिकता पाने के लिए कानून बनाएं.
Source : IANS