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AIMPLB ने की ईशनिंदा विरोधी कानून की मांग, जावेद अख्तर ने दिया ये जवाब

देश में पैगंबर साहब की शान में लगातार गुस्ताखी की जा रही है. ऐसे में भारत में ईशनिंदा को लेकर अलग कानून भी बनाया जाना चाहिए.

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Nihar Saxena
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समान नागरिक संहिता भी नहीं लागू करने की रखी मांग.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की ओर से ईशनिंदा विरोधी कानून की मांग किए जाने के कुछ दिनों बाद गीतकार जावेद अख्तर (Javed Akhtar) और अभिनेता नसीरुद्दीन शाह समेत कई बुद्धिजीवियों ने इस मांग का पुरजोर विरोध किया है. उन्होंने कहा है कि भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में ईशनिंदा को अपराध ठहराने से संबंधित कोई कानून नहीं हो सकता. पिछले दिनों पर्सनल लॉ बोर्ड ने कुछ शरारती तत्वों द्वारा पैगंबर मोहम्मद का अपमान किए जाने की ओर सरकार का ध्यान खींचा था और कहा था कि ईशनिंदा के खिलाफ कानून होना चाहिए. ‘इंडियन मुस्लिम्स फॉर सेक्युलर डेमोक्रेसी’ (आईएमएसडी) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ईशनिंदा विरोधी कानून की मांग करना असंवैधानिक है.

इस बयान पर अख्तर, शाह, अभिनेत्री शबाना आजमी, फिल्मकार आनंद पटवर्धन तथा कुछ अन्य लोगों के हस्ताक्षर हैं. बयान में कहा गया है कि यह संगठन इस सिद्धांत का पुरजोर समर्थन करता है कि एक धर्मनिरपेक्ष देश में ईशनिंदा को अपराध ठहराने का कोई कानून नहीं होना चाहिए. गौरतलब है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने समान नागरिक संहिता को संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ करार देते हुए रविवार को सरकार से कहा कि वह इस संहिता को किसी भी सूरत में लागू नहीं करे. इसके साथ ही अपने 27वें सार्वजनिक जलसे में पारित एक प्रस्ताव में यह भी कहा कि देश में पैगंबर साहब की शान में लगातार गुस्ताखी की जा रही है. ऐसे में भारत में ईशनिंदा को लेकर अलग कानून भी बनाया जाना चाहिए.

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प्रस्ताव में कहा गया कि इस्लाम सभी धर्मों और उनके आराध्यों का आदर करता है, लेकिन हाल ही में पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां की गईं लेकिन उससे भी ज्यादा अफसोस की बात यह है कि सरकार ने ऐसा करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. बोर्ड ने सरकार तथा न्यायपालिका से आग्रह किया है कि वे धार्मिक कानूनों और पांडुलिपियों का अपने हिसाब से व्याख्या करने से परहेज करें.

HIGHLIGHTS

  • 27वें सार्वजनिक जलसे में बोर्ड ने किया प्रस्ताव पारित
  • समान नागरिक संहिता को भी नहीं लागू करने की मांग
  • जावेद अख्तर और नसीरुद्दीन शाह ने किया कड़ा विरोध
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