लद्दाख (Ladakh) में भारत-चीन सीमा की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर महीने भर से बरकरार गतिरोध अब जमीनी स्तर पर भी दूर होते दिख रहा है. 6 जून को दोनों पक्षों के बीच सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत के बाद पूर्वी लद्दाख सेक्टर में दो प्वाइंट्स पर सैनिकों को पीछे हटाने के बाद भारतीय औऱ चीनी लड़ाकू विमानों (Fighter Planes) ने बीते दो दिनों से अपनी-अपनी वायु सीमा में भी उड़ान नहीं भरी है. हालांकि दोनों ही देशों के लड़ाकू विमान अपने-अपने बेस पर बने हुए हैं. सूत्रों का कहना है कि पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर भी चीनी वाहनों की कमी देखी गई है. सैन्य जानकारों की मानें तो यह इस बात का परिचायक है कि आने वाले दिनों में दोनों पक्षों के सैन्य कमांडर एक-दूसरे के संपर्क में रहेंगे. गौरतलब है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने सीमाओं पर तैनात जवानों का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी विशेष रूप से सेना के नए कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल शू किलिंग को सौंपी है. वह भारत चीन सीमा के लिए जिम्मेदार वेस्टर्न थियेटर कमान की अगुवाई करेंगे. पीएलए की वेस्टर्न थियेटर कमांड भारत के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर निगरानी रखती है.
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आगे भी जारी रहेगी बातचीत
लद्दाख सीमा पर जारी गतिरोध से वाकिफ वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, पूर्वी लद्दाख में दो सबसे अधिक जरूरी बिंदुओं से वायु गतिविधि में कमी और वापसी का मतलब है कि आने वाले दिनों में दोनों पक्षों के सैन्य कमांडर एक-दूसरे के संपर्क में रहेंगे. पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चार में से दो बिंदुओं पर सैनिकों को हटाने के बाद भी भारतीय और चीनी वायुसेना के लड़ाकू विमान पिछले दो दिनों से न के बराबर वायु गतिविधि के साथ जमीन पर बने हुए थे. भारत और चीन के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के बीच लद्दाख में बने सैन्य गतिरोध को हल करने पर बुधवार को बातचीत हुई. घटनाक्रम से परिचित लोगों के मुताबिक भारत ने वार्ता में सीमा पर यथास्थिति बहाली और भारी संख्या में जमे चीनी सैनिकों को तुरंत हटाए जाने की मांग रखी.
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कुछ प्वाइंट्स पर अभी भी आमने-सामने हैं दोनों देशों की सेना
जानकारों ने कहा कि मेजर जनरल स्तर की वार्ता सकारात्मक माहौल में हुई, जिसका उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच तनाव में कमी लाना है. गतिरोध को शांतिपूर्ण तरीके से खत्म करने के लिए दोनों सेनाओं ने गलवान घाटी ओर हॉट स्प्रिंग के कुछ इलाकों में सीमित संख्या में अपने सैनिकों को एक दिन पहले ही पीछे हटा लिया था. चीनी सेना डेढ़ किलोमीटर तक पीछे हटी थी. हालांकि दोनों ओर के सैनिक पैंगोंग सो, दौलत बेग ओल्डी और डेमचोक जैसे क्षेत्रों में अब भी आमने-सामने हैं. सैन्य तनाव दूर करने के लिए लेह स्थित 14 कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और तिब्बत सैन्य जिले डिस्ट्रिक्ट के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन के बीच भी छह जून को बातचीत हुई थी.
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भारत के सड़क निर्माण का विरोध कर रहा है चीन
गौरतलब है कि पैंगोंग सो झील के आसपास फिंगर क्षेत्र में भारत द्वारा सड़क निर्माण का चीन का विरोध है. गलवान घाटी में दरबुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी मार्ग को जोड़ने वाली एक और सड़क के निर्माण पर चीन के विरोध को लेकर भी गतिरोध है. भारत ने पहले ही तय कर लिया है कि चीनी विरोध की वजह से वह पूर्वी लद्दाख में अपनी किसी सीमावर्ती आधारभूत परियोजना को नहीं रोकेगा. यही वजह है कि दोनों देशों के सैनिक पांच और छह मई को पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग क्षेत्र में आपस में भिड़ गए थे. पांच मई की शाम को चीन और भारत के 250 सैनिकों के बीच हुई यह हिंसा अगले दिन भी जारी रही.इसके बाद नौ मई को उत्तर सिक्किम सेक्टर में भी इस तरह की घटना हुई थी.
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चीन ने की नए कमांडर की नियुक्ति
इस बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चुनौती भरी सीमाओं पर तैनात जवानों का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी विशेष रूप से सेना के नए कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल शू किलिंग को सौंपी है. वह भारत चीन सीमा के लिए जिम्मेदार वेस्टर्न थियेटर कमान की अगुवाई करेंगे. जनरल शू की नियुक्ति की घोषणा भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी गतिरोध के बीच ही पांच जून को हुई थी. हांगकांग आधारित साउथ चाइना मोर्निंग पोस्ट की खबर के मुताबिक, जनरल शू को वेस्टर्न थियेटर कमान के बलों का जायजा लेने के लिए भेजा गया है, जहां भारत-चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर गतिरोध जारी है. पोस्ट ने सेना के सूत्रों के हवाले से कहा, 'जिस तरह भारत के साथ सीमा विवाद को लेकर तनाव बढ़ रहा है, वैसे में इस संवेदनशील वक्त में वेस्टर्न कमांड के सैनिकों और अफसरों का नेतृत्व करने के लिए एक युवा कमांडर की जरूरत है. शू 57 वर्ष के हैं और आयु में पिछले कमांडर से पांच वर्ष कम हैं.'
HIGHLIGHTS
- लद्दाख सीमा पर भारत-चीन वायु सेना के लड़ाकू विमानों की गतिविधियां शांत.
- दो प्वाइंट्स पर दोनों देशों की सेनाएं भी पीछे हटी. कुछ प्वाइंट्स पर डटी.
- चीन ने सीमा की जिम्मेदारी नए कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल शू किलिंग को सौंपी.