एयर इंडिया ने वीवीआईपी यात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए 11 सौ करोड़ के लोन की मांग की है। यह लोन दो वीवीआईपी विमानों की मरम्मत कराने के लिए मांगा गया है।
दो बोइंग विमान 777 और 300 ईआर एयरक्राफ्ट अगले साल जनवरी में डिलीवर होने वाले हैं। लेकिन, इसमें कराए जाने वाले मोडिफिकेशन के लिए कंपनी ने 180 मिलियन यूएस डॉलर का खर्चा बताया है।
बता दें कि यह प्लेन्स देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को एक जगह से दूसरे जगह ले जाने का काम करते हैं।
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निविदा दस्तावेज में कहा गया है कि करीब 180 मिलियन यूएस डॉलर यानी करीब 11 सौ करोड़ रुपये का लोन लेना होगा ताकि जरूरी बदलाव करवाए जा सकें।
भारत सरकार ने इस लोन के लिए गारंटी देने को कहा है ताकि इन दोनों विमानों में जरूरी बदलाव किए जा सकें जो कि करीब 12 महीनों के लिए हैं। इन दोनों ही प्लेन्स में जरूरी बदलाव किए जाएंगे।
इस लोन की राशि जनवरी से अप्रैल के बीच में कंपनी को दी जाएगी। एक अधिकारी ने कहा कि जनवरी 2018 में ये दोनों ही प्लेन्स डिलीवर हो जाएंगे जिससे राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की यात्रा को और भी सुगम किया जा सकेगा।
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Source : News Nation Bureau