हवा में बढ़ता प्रदूषण (Air pollution) हम सबको अपनी जद में ले रहा है. वायु प्रदूषण का असर कितना खतरनाक है, शायद आप उसका अंदाजा भी न लगा पाए. लेंसेट ने एक्यूएलआई (AQLI) पर जो रिपोर्ट दी है वो बेहद डराने वाली है. अगर इसे आसान शब्दों में समझा जाए तो ये प्रदूषण आपकी जिंदगी के दिनों को धीरे-धीरे कम कर रहा है. आइए हम आपको बताते हैं कि वायु प्रदूषण आपकी जिंदगी के लिए कितना बड़ा खतरा है? कैसे बढ़ता प्रदूषण आपकी सांसों को हर दिन कम कर रहा है?
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AQLI यानी एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स की रिपोर्ट के अनुसार, अगर वायु प्रदूषण पूरी दुनिया में बढ़ता है तो वैश्विक तौर पर हर आदमी की जिंदगी 5 साल 4 महीने कम हो जाएगी. वहीं, अगर बात भारत की करते हैं तो ये आंकड़ा और भी डरावना है. अगर भारत में प्रदूषण बढ़ता है तो हर देशवासी की उम्र 9 साल कम हो सकती है यानी औसत उम्र 69 साल से घटकर 60 साल हो जाएगी.
ये चौंकाने वाली रिपोर्ट है, क्योंकि भारत में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है. WHO ने भी इस पर चिंता जताई है. AQLI की रिपोर्ट कहती है कि प्रदूषण कम हुआ तो दुनियाभर में इंसान की औसत उम्र 2.2 साल बढ़ जाएगी. भारत में प्रदूषण कम किया जाए तो इसका सीधा असर हमारी और आपकी जिंदगी पर पड़ेगा. भारत में औसत उम्र 5 साल 6 महीने बढ़ जाएगी यानी औसत उम्र 69 साल है तो ये बढ़कर 74 साल के पार पहुंच जाएगी.
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तो आइये आपको AQLI की रिपोर्ट के मुताबिक बताते हैं कि आपके शहर में बढ़ता प्रदूषण आपकी कितनी जिंदगी कम करने वाला है. इस आंकड़ों को जरूर गौर फरमाइये. हमने इस रिपोर्ट के आधार पर उन शहरों का चार्ट बनाया है जो सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण से प्रभावित है.
- दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण आपकी करीब 9 साल 7 महीना उम्र कम कर रहा है.
- उत्तर प्रदेश में ये असर 9 साल 5 महीना है.
- बिहार में प्रदूषण 8 साल 8 महीना आयु कम करेगा.
- हरियाणा में ये आंकड़ा 8 साल 4 महीना और झारखंड में 7 साल 3 महीना का है.
- इस बढ़ते प्रदूषण से मध्य प्रदेश में आपकी उम्र 5 साल 9 महीना कम हो जाएगी.
- यानी आकंड़े बताते हैं बढ़ते प्रदूषण का असर भारत की 40 फीसदी आबादी पर सीध पड़ रहा है.
- सिर्फ उत्तर भारत के 48 करोड़ लोगों पर इसका सीधे खतरा है.
आंकड़े ये भी बताते हैं कि ये खतरा हाल के सालों में और बढ़ा है. 2017 के मुकाबले 2019 में प्रदूषण से ज्यादा मौतें हुई हैं. 2017 में जहां प्रदूषण से होने वाली मौत का आंकड़ा करीब 12 लाख था तो वहीं साल 2019 में करीब 16 लाख लोगों की मौत प्रदूषण के चलते हुई है, जोकि देश में हुई कुल मौतों में वायु प्रदूषण से 18 फीसदी मौतें हुई हैं.