सीबीआई (Central Bureau of Investigation) ने सोमवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट को सूचित किया कि उसने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) के खिलाफ एयरसेल-मैक्सिस (Aircel Maxis Case) मामले में केस चलाने के लिए केंद्र सरकार से जरूरी मंजूरी प्राप्त कर ली है. हालांकि जब सीबीआई ने कहा कि उसे मामले के अन्य आरोपियों के खिलाफ मंजूरी प्राप्त करने के लिए दो सप्ताह का समय चाहिए तब निचली अदालत ने चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तारी से प्रदान संरक्षण 18 दिसम्बर तक के लिए बढ़ा दिया. यानी पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे को 18 दिसंबर तक गिरफ्तारी में छूट दी है.
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सीबीआई एयरसेल-मैक्सिस सौदे में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी प्रदान करने में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है जबकि प्रवर्तन निदेशालय सौदे से संबंधित कथित धन शोधन के आरोपों की जांच कर रहा है.
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बता दें कि चिदंबरम पर साल 2006 में 305 करोड़ रुपए के आईएनएक्स मीडिया मामले और 3,500 करोड़ रुपए के एयरसेल-मैक्सिस करार में घोटाले का आरोप है. केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कार्ति के पिता पी चिदंबरम 2006 में जब वित्त मंत्री थे, तो उन्होंने (कार्ति) एयरसेल-मैक्सिस सौदे में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से किस प्रकार मंजूरी हासिल की थी. इस केस में पहले की कांग्रेस नेतृत्व यूपीए सरकार में वित्तमंत्री पी चिदंबरम पर एयरसेल मैक्सिस के साथ कैबिनेट कमेटी की अनुमति के बिना ही 3500 करोड़ की डील करने का आरोप लगा था.जबकि नियमों के मुताबिक, वित्तमंत्री 600 करोड़ रुपये तक की डील को ही मंजूरी दे सकते थे.
Source : News Nation Bureau