दिल्ली की रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने एयरसेल मैक्सिस मामले में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी. चिंदबरम और उनके बेटे कार्ति चिंदबरम की अग्रिम ज़मानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया. अदालत इस पर 3 सितंबर को इस पर आदेश देगी. इसके साथ ही यह भी तय हो गया है कि प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में दोनों को 3 सितंबर तक गिरफ्तार भी नहीं कर सकेगा. इस मसले पर अदालत ने जिरह नहीं करने पर ईडी को फटकार भी लगाई.
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साक्ष्यों से छेड़छाड़ का है आरोप
अदालत ने एयरसेल मैक्सिस मामले में कहा कि उससे पहले अभियोजन पक्ष को जिरह करने का भरपूर मौका मिलेगा. इस केस में पी. चिदंबरम और बेटे कार्ति चिदंबरम की अंतरिम राहत बुधवार को खत्म हो गई थी. दिल्ली के रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम को 22 अगस्त तक राहत दी थी. सीबीआई और ईडी दोनों ही इस मामले में जांच कर रही है. पिछली सुनवाई के दौरान एजेंसी के तरफ से कोर्ट में दलील दी गयी थी कि कार्ति चिदंबरम साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर रहे है. जब भी कार्ति विदेश जाते है तभी वह साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करते है.
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यह है एयरसेल मैक्सिस मामला
गौरतलब है कि एयरसेल मैक्सिस मामला 2006 का है. सीबीआई इस मामले में जांच कर रही है कि एक विदेशी फर्म को कैसे पी चिदंरम ने एफआईपीबी की स्वीकृति दे दी, जबकि स्वीकृति केवल सीसीईए (कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स) ही दे सकती थी. ईडी भी इसी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच कर रही है. साल 2006 में जब इसकी मंजूरी दी गई, उस समय पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे और इसकी मंजूरी इनके हाथ में थी. इस मामले की जांच सीबीआई और ईडी कर रहे हैं. एयरसेल-मैक्सिस सौदा 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से जुड़ा था और आईएनएक्स मीडिया मामले से मिलता-जुलता था.
HIGHLIGHTS
- ईडी इस मामले में दोनों को 3 सितंबर तक गिरफ्तार भी नहीं कर सकेगा.
- इस मसले पर अदालत ने जिरह नहीं करने पर ईडी को फटकार भी लगाई.
- साल 2006 में जब इसकी मंजूरी दी गई, उस समय पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो.