असम की बड़ी पार्टियों में से एक एआईयूडीएफ के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने विदेश मंत्री और बीजेपी नेता सुषमा स्वराज को जवाब देते हुए कहा है कि वह कभी भी सत्तारूढ़ दल का साथ नहीं दे सकते हैं।
दरअसल, यरुशलम पर भारत के फिलिस्तीन का साथ देने पर बदरुद्दीन ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्विटर पर टैग करते हुए भारत सरकार को धन्यवाद किया था।
बदरुद्दीन अजमल ने 22 दिसंबर को ट्विटर पर लिखा, 'यरुशलम पर अमेरिकी फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में वोट करने पर भारत सरकार को धन्यवाद।' जिसका जवाब देते हुए सुषमा स्वराज ने बदरुद्दीन को थैंक्यू कहा। विदेश मंत्री ने ट्विटर पर लिखा, 'थैंक्यू अजमल साहब, अब आप हमारे लिए वोट करें।'
Thank you Ajmal Sahib. Now you vote for us. https://t.co/OsQPv4PNDe
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) December 22, 2017
अब ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) अध्यक्ष ने ट्विट कर साफ किया कि उनका बीजेपी के साथ जाने का सवाल ही नहीं उठता है। साथ ही उन्होंने असम और केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को आड़े हाथों लिया।
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बदरुद्दीन ने लिखा, 'मैडम, हमारा वोट हमेशा भारत के लिए है, जिस दिन बीजेपी बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदाय के बीच अंतर करना छोड़ देगी, उस दिन मेरा वोट आपके लिए होगा।'
Our vote is always for India, Madam. The day BJP does not differentiate between Majority and Minority community, our vote will be for you. https://t.co/yLoEoCazqD
— M Badruddin Ajmal (@BadruddinAjmal) December 23, 2017
उन्होंने कहा, 'मैं बीजेपी द्वारा समर्थन मांगे जाने पर आभारी हूं। लेकिन बीजेपी को कभी भी समर्थन देने का सवाल ही नहीं उठता है। वर्तमान में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण चरम पर है।'
आपको बता दें कि पिछले साल असम में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-एआईयूडीएफ-भारतीय जनता पार्टी में मुकाबला था। बीजेपी ने कांग्रेस-एआईयूडीएफ को हराकर सरकार बनाई। एआईयूडीएफ प्रमुख और असम के धुवरी से सांसद बदरुद्दीन अजमल राज्य में मुस्लिम नेता के तौर पर जाने जाते हैं।
एआईयूडीएफ को 2016 राज्य विधानसभा चुनाव में 13 सीटें मिली थी।
यरूसलम पर भारत का क्या था स्टैंड?
संयुक्त राष्ट्र महसभा में यरूसलम को इजरायल की राजधानी का दर्जा देने के अमेरिका के फैसले को रद्द करने की मांग वाले प्रस्ताव को गुरुवार को पारित कर दिया था। यह प्रस्ताव दो-तिहाई बहुमत से पारित हुआ।
प्रस्ताव के पक्ष में भारत सहित 128 देशों ने वोट किया जबकि नौ देशों ने प्रस्ताव के विरोध में वोट किया। वहीं, इस दौरान 35 देश गैरहाजिर रहे।
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Source : News Nation Bureau