इस्लामाबाद में ओआईसी की बैठक में कश्मीर (Kashmir) के मसले पर प्रतिक्रिया देने फिर अफगानिस्तान में तालिबान की अंतरिम सरकार के शीर्ष नेताओं से मुलाकात के बाद चीनी विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) भारत दौरे पर आए हुए हैं. अपने भारत प्रवास के दौरान उन्होंने शुक्रवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल (Ajit Doval) से मुलाकात की. इस मुलाकात का उद्देश्य 2020 में गलवान घाटी की हिंसक झड़प के बाद भारत-चीन के बीच सीमा विवाद पर बातचीत कर सामान्य संबंध बहाली का मार्ग प्रशस्त करना था. हालांकि बताते हैं कि एक घंटे की इस मुलाकात में भारत अपने पक्ष पर ही टिका रहा. इसके तहत वांग यी से साफतौर पर कहा गया कि द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने के लिए चीन को विवादास्पद बिंदुओं से पीएलए सैनिक पूरी तरह से हटाने होंगे. इसके बाद ही पैदा होने वाले परस्पर विश्वास से संबंध को सामान्य बनाने में मदद मिलेगी.
गलवान संघर्ष के बाद शीर्ष स्तर की पहली बैठक
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक वांग यी से मुलाकात के दौरान भारतीय पक्ष ने शांति बहाली के लिए कूटनीतिक, राजनयिक और सैन्य स्तर पर आगे भी बातचीत जारी रखने पर जोर दिया गया. सूत्रों के मुताबिक इस मुलाकात में अजित डोभाल ने वांग यी से दो टूक कहा कि किसी भी स्तर की बातचीत में सुनिश्चित किया जाए कि कार्रवाई समान और परस्पर सुरक्षा की भावना का उल्लंघन नहीं करती है. गौरतलब है कि 2020 की गर्मियों में गलवान घाटी में हिंसक संघर्ष के बाद शीर्ष स्तर पर यह पहली बातचीत है. दोनों देशों ने सीमा विवाद से उपजे गतिरोध को दूर करने के लिए कई दौर की वार्ता की हैं.
डोभाल को चीन आने का निमंत्रण दिया वांग ने
इस बैठक से परिचित सूत्रों के मुताबिक एनएसए अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई बातचीत सौहार्द्रपूर्ण माहौल में हुई. भारतीय पक्ष ने अपनी बात दृढ़ता से रखी, तो वांग यी ने बातचीत आगे बढ़ाने के लिए चीन यात्रा के लिए निमंत्रण दिय़ा. इस पर अजित डोभाल ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि वह तत्कालिक विवादास्पद मुद्दों को सफलतापूर्वक हल करने के बाद बीजिंग यात्रा पर आ सकते हैं.
HIGHLIGHTS
- भारत ने चीनी सैनिकों को पूरी तरह से हटाने की रखी बात
- इसके बाद ही चीन से आगे की बातचीत पर दिया जोर
- वांग यी ने अजित डोभाल को दिया चीन आने का न्योता