नेशनल हेराल्ड अखबार की प्रकाशक कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) ने दिल्ली हाई कोर्ट के हेराल्ड हाउस खाली करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. दिल्ली हाई कोर्ट ने 28 फरवरी को लीज की शर्तें तोड़ने का दोषी पाते हुए एजेएल को दिल्ली के आईटीओ स्थित हेराल्ड हाउस खाली करने का आदेश दिया था. एजेएल ने केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का रुख किया था लेकिन पहले कोर्ट की एकल बेंच ने राहत नहीं दी थी. जिसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस वी के राव की डिविजन बेंच ने एजेएल की याचिका को खारिज करते हुए उसे इमारत को खाली करने का निर्देश दिया था.
एजेएल ने कोर्ट में 21 दिसंबर के एक एकल बेंच के आदेश को चुनौती देते हुए अदालत की डिविजन बेंच में याचिका दायर की थी.
कोर्ट की एकल बेंच ने केंद्र सरकार द्वारा 30 अक्टूबर को दिए गए आदेश के विरुद्ध एजेएल की याचिका खारिज कर दी थी. केंद्र सरकार ने 30 अक्टूबर 2018 को आदेश में कहा था कि हेराल्ड हाउस पर एजेएल का 56 वर्षीय लीज समाप्त हो गया है और इसे खाली करना होगा.
एजेएल ने अपनी याचिका में कहा था कि प्रकाशन का विस्तार न तो प्रासंगिक था और न ही एकल न्यायाधीश ने मौखिक बहस के दौरान इस आशय से कुछ भी पूछा. याचिका के अनुसार, 'हाई कोर्ट ने अपने ओदश (21 दिसंबर) में पूरी तरह इन तथ्यों को नजरअंदाज कर दिया.'
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साप्ताहिक 'नेशनल हेराल्ड ऑन संडे' का प्रकाशन 24 सितंबर, 2017 को दोबारा शुरू किया गया था और यह हेराल्ड हाउस से प्रकाशित होता है। एजेएल ने 14 अक्टूबर से अपने साप्ताहिक हिंदी अखबार की भी फिर से शुरू कर दिया था. एजेएल ने कहा था कि एकल जज की पीठ ने अनुचित रूप से जल्दबाजी दिखाई.
1962 में दिल्ली के हेराल्ड हाउस की बिल्डिंग को 'नेशनल हेराल्ड' अखबार के प्रकाशन के लिए AJL कंपनी को लीज पर दी गई थी, लेकिन सरकार का कहना था कि यहां वर्षों से अखबार का प्रकाशन नहीं हो रहा है. इसलिए लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस (LDO) ने AJL को बिल्डिंग खाली करने का नोटिस जारी किया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने लीज शर्तों के उल्लंघन को मानते हुए इमारत खाली करने का आदेश दिया था.
Source : News Nation Bureau