उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बंगला ख़ाली करने के बाद सामान तोड़फोड़ के मामले में राज्यपाल द्वारा जांच की मांग को लेकर उनपर करारा हमला बोला है।
अखिलेश ने राज्यपाल राम नाईक पर निशाना साधते हुए बुधवार को कहा कि राज्यपाल के अंदर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की आत्मा घुसी हुई है, इसीलिए वह कानून और संविधान को नजरअंदाज कर सरकार से बंगले की रिपोर्ट मांग रहे हैं।
गौरतलब है कि राज्य सम्पत्ति विभाग ने अखिलेश यादव पर आरोप लगाया है कि आवास छोड़ते समय बंगले में काफी तोड़फोड़ की गई।
जिसके बाद राज्यपाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा कि यदि बंगले में तोड़फोड़ हुई है तो पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। राज्यपाल के आरोप के बाद ही बुधवार को अखिलेश ने अपनी बात रखी।
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उन्होंने कहा कि उप चुनावों में हुई हार से बीजेपी सरकार बौखला गई है। इसीलिए बिना वजह के आरोप लगाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'सरकार बिना वजह टोटी के लिए क्यों बदनाम कर रही है। हर आदमी मकान खाली करते समय अपना सामान ले जाता है। इसीलिए मैं भी घर छोड़ते समय अपनी चीजों को साथ ले गया। लेकिन यदि सरकार को पता है कि हम सरकारी सामान लेकर गए हैं, तो हमें उसकी लिस्ट दी जाए। हम उन्हें सामान लौटा देंगे।'
घूसकांड पर निशाना साधते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि मुख्य सचिव के खिलाफ भी चिट्ठी लिखी गई थी जिसे सार्वजनिक नहीं किया गया। क्यों मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव को बचाया जा रहा है। जिसने आरोप लगाए उसे ही गिरफ्तार कर लिया गया।
अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का टेंडर बार-बार क्यों बदल रही है। हमने एक्सप्रेस वे बनाकर दिखा दिया था। यदि भाजपा की सरकार में दम हो तो आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे का कागज सामने रखकर उससे तुलना करे।
अखिलेश ने यह भी साफ किया कि अगले चुनाव में देश का प्रधानमंत्री बदलना है और इस मिशन में समाजवादी कार्यकर्ता लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए हम किसी के साथ भी गठबंधन करने के लिए तैयार हैं।
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Source : News Nation Bureau