कांग्रेस की ओर से नीतीश को महागठबंधन में वापस शामिल करने का न्यौता दिए जाने के ठीक एक दिन बाद विपक्षी एकता में सेंध लगती दिख रही है। 2019 में बीजेपी के खिलाफ मोर्चा बनाने में लगी समाजवादी पार्टी (एसपी) ने उत्तर प्रदेश में महागठबंधन बनाने की कवायद को झटका देने का संकेत दिया है।
सूत्रों के अनुसार अखिलेश यादव महागठबंधन में कांग्रेस को शामिल करने की इच्छुक नहीं है। वह यूपी से कांग्रेस को केवल रायबरेली और अमेठी की सीट देना चाहते है।
सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव इस बाबत मंगलवार को दिल्ली आने वाले हैं और कई विपक्षी दलों से मिलकर इस मसले पर बात कर सकते हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मिलकर चुनाव लड़ा था लेकिन नतीजा पक्ष में नहीं आया जिसके बाद हाथी-साइकिल की जोड़ी ने गोरखपुर और फूलपुर में बीजेपी को उसके गढ़ में हराया।
यूपी के राजनीतिक संकेत को समझते हुए अखिलेश ने मायावती से करीबी तो राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस से कन्नी काटना शुरू कर दिया है।
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सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव यूपी चुनाव में पार्टी की दुर्गति के लिए कांग्रेस के साथ को ही जिम्मेदार मानते हैं।
आपको बता दें कि बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस इन्हीं दो पारंपरिक सीटों पर चुनाव जीत पाई थी। साथ ही 'सपा परिवार' ने 5 सीटें जीती थीं जबकि बसपा का तो सूपड़ा-साफ हो गया था।
इससे पहले मायावती ने कांग्रेस के गठबंधन के मंसूबों पर पानी फेरते हुए मध्यप्रदेश में अलग से चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया है।
सपा के सूत्रों का कहना है कि पार्टी यूपी में त्रिकोणीय मुकाबला चाहती है और महागठबंधन में कांग्रेस को शामिल करने की इच्छुक नहीं है।
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Source : News Nation Bureau