अलकायदा की यमनी शाखा ने तालिबान को अफगानिस्तान पर कब्जा करने पर बधाई दी है। साथ ही ऐसी रिपोर्ट है कि आतंकवादी संगठन ने इस जीत का जश्न भी मनाया है।
अल कायदा इन द अरेबियन पेनिनसुला (एक्यूएपी) ने एक बयान में कहा, इस जीत और सशक्तिकरण से हमें पता चलता है कि जिहाद और लड़ाई शरीयत-आधारित, कानूनी और वास्तविक तरीके से अधिकारों को बहाल करने (और) आक्रमणकारियों और कब्जाधारियों को निष्कासित करने का प्रतिनिधित्व करते हैं।
वैश्विक स्तर पर आतंकवाद पर नजर रखने वाले एसआईटी इंटेलिजेंस ग्रुप द्वारा दिए गए बयान में कहा गया है, जहां तक लोकतंत्र के खेल और साधारण शांतिवाद के साथ काम करने की बात है, यह एक भ्रामक मृगतृष्णा, एक क्षणभंगुर छाया और एक दुष्चक्र है जो शून्य से शुरू होता है और इसके साथ समाप्त होता है।
तालिबान ने 1996 से 2001 तक अपने शासन के दौरान अलकायदा नेता ओसामा बिन लादेन को शरण दी थी, जिसके बाद 11 सितंबर के हमलों के जवाब में अमेरिकी नेतृत्व वाली सेना ने तालिबान को तहस नहस कर दिया था।
अमेरिका एक्यूएपी को अल कायदा के वैश्विक नेटवर्क की सबसे खतरनाक शाखा मानता है, और 9/11 के हमलों के तुरंत बाद से यमन में उसके लड़ाकों के खिलाफ ड्रोन हमले करता रहा है।
रिपोर्ट के अनुसाार, यमन के केंद्रीय गवर्नर बेयदा और दक्षिणी प्रांत शबवा में एक्यूएपी लड़ाकों ने अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता वापसी का जश्न आतिशबाजी कर और हवा में गोलियां चलाकर मनाया।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS