खुफिया जानकारी के तहत अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने के लिए आईएसआई ने जम्मू इलाके में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने की योजना बनाई है. भारत की खुफिया एजेंसियों ने इस प्लान को डिकोड कर लिया है. इसके अनुसार, आईएसआई ने दो मोहरों को अमरनाथ यात्रा पर हमला करने की योजना बनाई थी. इनकी पहचान रफीक नाई और मोहम्मद अमीन बट उर्फ अबू खुबैब के रूप में हुई है. गौरतलब है कि जुलाई से जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा की शुरूआत होनी है. इसे लेकर सुरक्षाबल अलर्ट मोड पर है. इस अलर्ट के सामने आने के बाद अमरनाथ यात्रा को लेकर हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है. इसके लिए कड़ी चौकसी बरती गई है.
इसके लिए खास इंतजाम भी किए गए हैं. सूत्रों के आधार पर आतंकवादी यात्रा के दौरान बड़ी वारदात को अंजाम देने के प्रयास में हैं. मगर राहत की बात यह है कि सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों की योजना को डिकोड कर दिया है. रफीक नाई और मोहम्मद अमीन बट उर्फ खुबैब आईएसआई के इशारे पर राजौरी के साथ ही पुंछ, पीर पंजाल और चिनाब घाटी में आतंकवाद को दोबारा खड़ा करने के प्रसास में जुटे हुए थे.
रफीक और खुबैब दोनों ही आतंकी जम्मू में युवाओं का ब्रेनवॉश कर आतंकी बनाने की साजिश में लगे थे. राजौरी पुंछ क्षेत्र में 8 से 9 आतंकी इस समय सक्रिय हैं. इन आतंकियों का मकसद इन इलाकों में बड़े हमले करवाने के साथ ओवरग्राउंड वर्करों की मदद से कश्मीर घाटी तक हथियार गोला बारूद और पैसे ड्रग्स की खेप पहुंचानी है. राजौरी पुंछ क्षेत्र में 90 के दशक में आतंकियों के लिए कश्मीर घाटी खास प्रवेश द्वार रहा है. इसी कारण इलाके में आतंकियों के लिए OGW सक्रिय है.
अमरनाथ यात्रा पर हमेशा से आतंक का खतरा मंडरता रहा है. यात्रा को शांतिपूर्ण तरह से पूरा कराने की जिम्मेदारी सुरक्षा एजेंसियों पर ही होती है. ऐसे में यात्रा से पहले शहरों और गांवों का चप्पा-चप्पा सुरक्षाबलों की निगरानी में सेना और सैनिक बल जम्मू कश्मीर पुलिस के साथ खुफिया एजेंसी यात्रा की सुरक्षा को लेकर एक दूसरे के साथ जानकारी को शेयर करेंगी.
Source : News Nation Bureau