सुंजवां मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों मंसूबे बेहद खतरनाक थे. आतंकी जम्मू कश्मीर में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के इरादे आए थे, लेकिन खुफिया एजेंसियों और सुरक्षाबलों की सतर्कता ने इन आतंकियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक यह आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की साजिश थी. इन आतंकियों का इरादा बड़ी वारदात को अंजाम देने की थी, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पल्ली में होने वाली रैली को रद्द किया जा सके.
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक पीएम की रैली से पहले जैश के 6 आतंकी जम्मू पहुंचे थे. ये सभी पाकिस्तानी मूल के आतंकी थे. देश के खिलाफ बड़ी साजिश के तहत बनाए गए प्लान के मुताबिक पहले 2 आतंकियों ने सुंजवां में हमला किया, जिनको सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में मार गिराया गया. आतंकियों के प्लान के मुताबिक दोनों आतंकियों को सुंजवां में हमला करना था, ताकि स्पेशल फोर्सेज सुंजवां में व्यस्त हो जाएं. इसके बाद जैश के बाकी 4 आतंकी 24 अप्रैल को पीएम मोदी की सांभा में होने वाली रैली के लिए सांभा में जुटे सरपंच और पंचों को निशाना सके. अगर ऐसा होता तो प्रधानमंत्री की रैली को सुरक्षा कारणों से रद्द हो सकती थी.
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गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद पहली बार रविवार को प्रधानमंत्री जम्मू के दौरे पर गए थे. इस दौरान उन्होंने राज्य को कई सौगात दी. पल्ली गांव में सोलर बिजली प्लांट का उद्घाटन करने पहुंचे पीएम मोदी ने कहा कि पल्ली गांव 'ऊर्जा स्वराज' का उदाहरण बना है. इसके साथ ही उन्होंने मौजूदा सरकार की कार्यशैली का जिक्र करते हुए हुए देश पुरानी सरकारों को भी जमकर कोसा. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने कहा कि कभी दिल्ली से एक सरकारी फाइल चलती थी, तो जम्मू कश्मीर पहुंचते-पहुंचते 2-3 हफ्ते लग जाते थे. मुझे खुशी है कि आज 500 किलो वाट का सोलर पावर प्लांट सिर्फ 3 हफ्ते के अंदर यहां लागू हो जाता है, बिजली पैदा करना शुरू कर देता है.
HIGHLIGHTS
- बड़ी वारदात को अंजाम देने के इरादे से आए थे आतंकी
- प्रधानमंत्री की रैली को रद्द करना चाहते थे आतंकवादी
- खुफिया एजेंसियों व सुरक्षाबलों की सतर्कता से टली वारदात