राफेल लड़ाकू विमानों (Rafales fighter jet) की पहली खेप के 5 जहाज सोमवार को फ्रांस से भारत के लिये रवाना हो गए हैं. 7 घंटे से अधिक वक्त उड़ान भरने के बाद राफेल जेट यूएई के अल दफ्रा एयरबेस (Al Dhafra airbase)लैंडिंग की.
भारतीय वायुसेना के मुताबिक राफेल के पांच विमान सोमवार की यात्रा पूरी कर संयुक्त अरब अमीरात के अल दफ्रा एयरबेस पर लैंडिंग की है. राफेल को फ्रांस से यूएई पहुंचने में सात घंटों का वक्त लगा. इसके बाद इस एयरबेस से राफेल सीधे भारत पहुंचेगा.
इन विमानों के बुधवार को अंबाला वायुसेना स्टेशन पहुंचने की उम्मीद है. भारत ने वायुसेना के लिए 36 राफेल विमान खरीदने के लिए चार साल पहले फ्रांस के साथ 59 हजार करोड़ रुपये का करार किया था. फ्रांस के बंदरगाह शहर बोर्डेऑस्क में वायुसेना अड्डे से रवाना हुए ये विमान लगभग सात हजार किलोमीटर का सफर तय करके बुधवार को अंबाला वासुसेना अड्डे पर पहुंचेंगे.
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वायुसेना के बेड़े में राफेल के शामिल होने से उसकी युद्ध क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होने की उम्मीद है. भारत को यह लड़ाकू विमान ऐसे समय में मिल रहे हैं, जब उसका पूर्वी लद्दाख में सीमा के मुद्दे पर चीन के साथ गतिरोध चल रहा है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि 10 विमानों की आपूर्ति समय पर पूरी हो गई है और इनमें से पांच विमान प्रशिक्षण मिशन के लिए फ्रांस में ही रुकेंगे.
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बयान में कहा गया है कि सभी 36 विमानों की आपूर्ति 2021 के अंत तक पूरी हो जाएगी. वायुसेना को पहला राफेल विमान पिछले साल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की फ्रांस यात्रा के दौरान सौंपा गया था. फ्रांस में भारत के राजदूत जावेद अशरफ ने विमानों के फ्रांस से उड़ान भरने से पहले भारतीय वायुसेना के पायलटों से बातचीत की. अशरफ ने समय पर विमानों की खेप की आपूर्ति के लिए इसके निर्माता डसो एविएशन को धन्यवाद दिया.
Source : News Nation Bureau