मणिपुर हिंसा पर चल रही सर्वदलीय बैठक समाप्त हो गई. गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बैठक हुई. लगभग 30 दलों के नेता और प्रतिनिधि बैठक में शामिल हुए. सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि 80 किलोमीटर मणिपुर म्यांमार बॉर्डर पर तारबंदी की जा रही है. म्यांमार से आने वाले लोगों का बायोमेट्रिक भी लिया जा रहा है. बीजेपी नेता संबित पात्रा ने कहा कि 13 जून के बाद मणिपुर हिंसा में नहीं गई है किसी की भी जान, हिंसा को रोकने के लिए प्रयास जारी हैं. राजनीतिक दलों की तरफ से मणिपुर में प्रतिनिधि मंडल भेजने की भी मांग की गई. टीएमसी ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि क्या मणिपुर को भी जम्मू कश्मीर बनाने की तैयारी चल रही है.
53 दिनों से मणिपुर दो समुदायों के बीच जारी हिंसा में जल रहा है. अभी तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं. कई जगहों पर अब भी हालात तनावपूर्ण हैं. कई इलाकों में इंटरनेट बंद है. कांग्रेस समेत कई दलों ने सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की थी. बैठक में शरद पवार और ममता बनर्जी ने बैठक से दूरी बनाई हैं. मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा हो रही है. दरअसल, मैतेई मैदानी इलाके में रहते हैं और हाईकोर्ट के आदेश के बाद मैतेई समुदाय को आरक्षण दिया गया था.
सुरक्षा के मध्य नजर सेना के जवानों की भी तैनाती की गई है, फिर भी राज्य में हालात बेकाबू है. इसी महीने गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर का दौरा किया था. जिसके बाद संभावना जताई जा रही थी कि राज्य में हिंसा थम जाएगी, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ.
Source : News Nation Bureau