कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद के बीच उडुपी में स्कूल विकास प्रबंधन समिति (SDMC) के उपाध्यक्ष यशपाल सुवर्णा ने आरोप लगाया कि हिजाब पहनने वाली लड़कियां निर्दोष हैं और उन्हें कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) द्वारा प्रशिक्षित किया गया है जिसके बाद उन्होंने शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया. सुवर्णा ने कहा, हमारे सरकारी कॉलेज की लड़कियां जो शिक्षकों और प्रशासन पर आरोप लगा रही हैं, उन्होंने CFI और ऐसे अन्य मुस्लिम संगठनों के उकसावे के बाद शिक्षकों के साथ अपमान और दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया. हिजाब मामले में शामिल लड़कियां निर्दोष हैं. कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया द्वारा उन्हें एक निजी स्थान पर प्रशिक्षित किया जा रहा है जिसके बाद से ही उनमें बदलाव आया है.
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उप-प्राचार्य ने आगे कहा कि लड़कियों ने पहले कक्षा के अंदर स्कूल की वर्दी पहनी थी और कक्षा में अन्य छात्रों के साथ बैठी थी. हालांकि, वे नवंबर 2021 से हिजाब पहनने की मांग करने लगीं. उन्होंने कहा, जो चार मुस्लिम लड़कियां हमारे खिलाफ आरोप लगा रही हैं, उन्होंने पिछले नवंबर 2021 से इस तरह की गतिविधियां करना शुरू कर दिया था. उन्होंने कहा, इससे पहले ये वही लड़कियां बिना हिजाब के अन्य छात्रों के साथ वर्दी में कक्षाओं में आकर बैठ जाती थीं. उप-प्राचार्य ने कहा, बदलाव आने के बाद लड़कियां एकस्वर में बोलने लगीं और शिक्षकों से शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया. बाद में शिक्षकों में से एक समिति के सामने जाकर रोया. सुवर्णा ने आगे कहा कि सीएफआई द्वारा उकसाने के बाद इन लड़कियों में बदलाव होने लगे. उन्होंने कहा, यह स्पष्ट है कि इन मासूम लड़कियों में ये सभी बदलाव कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और ऐसे अन्य संगठनों के उकसावे के बाद ही शुरू हुए हैं.
HIGHLIGHTS
- उडुपी में स्कूल विकास प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष ने लगाया आरोप
- उन लड़कियों को कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया द्वारा प्रशिक्षित किया गया है
- मुस्लिम संगठनों के उकसावे के बाद शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार करना शुरू किया