केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को घोषणा की कि केंद्र छह कार्बी आंगलोंग विद्रोही समूहों के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करेगा. शाह ने पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) के 51वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की. केंद्रीय गृह मंत्री, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और छह संगठनों के नेताओं की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. आगे आने वाली चुनौतियों का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि 'अगला दशक' आंतरिक सुरक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होने जा रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश खुद को एक मजबूत राष्ट्र और अर्थव्यवस्था बनाने में बड़ी छलांग लगा रहा है.
3,700 सशस्त्र कैडरों ने किया आत्मसमर्पण
अपने संबोधन में शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर में पिछले दो वर्षों में 3,700 से अधिक सशस्त्र कैडरों ने आत्मसमर्पण किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र किसी भी समूह के साथ बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है जो हथियार छोड़ने के लिए तैयार है. राष्ट्र के सामने सुरक्षा चुनौतियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भूमि और समुद्री दोनों सीमाओं को बिना किसी ढिलाई के सुरक्षित किया जाना चाहिए और बीपीआरएंडडी को सभी सीमा सुरक्षा बलों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी तैयार करना चाहिए.
पुलिस विभाग अपनी छवि सुधारे
यह देखते हुए कि पुलिस बल की छवि खराब करने के प्रयास किए गए हैं, गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस अनुसंधान ब्यूरो को छवि निर्माण पर भी काम करना चाहिए. शाह ने यह भी कहा कि पुलिस व्यवस्था के निचले स्तर पर तैनात 'बीट कांस्टेबल' लोकतंत्र को सफल बनाने वाला सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है और 'बीट पुलिसिंग' का तकनीकी उन्नयन समय की जरूरत थी और ब्यूरो को इस पर काम करना चाहिए.
आने वाला समय बेहद चुनौतीपूर्ण
आगे आने वाली चुनौतियों का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि 'अगला दशक' आंतरिक सुरक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होने जा रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश खुद को एक मजबूत राष्ट्र और अर्थव्यवस्था बनाने में बड़ी छलांग लगा रहा है. उन्होंने कहा, 'हमें साइबर खतरों, ड्रोन हमलों और नशीले पदार्थों की चुनौतियों से सुरक्षा चुनौतियों के लिए तैयार रहने की जरूरत है.'
HIGHLIGHTS
- छह कार्बी आंगलोंग विद्रोही समूहों के साथ शांति समझौता
- अगला दशक आंतरिक सुरक्षा की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण
- बीट पुलिसिंग का तकनीकी विकास समय की जरूरत