हाथ के साथ अमर सिंह की सियासी सफर हुई थी शुरू, फिर मुलायम के हो गए थे बेहद करीबी

अमर सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे. शनिवार दोपहर को उन्होंने सिंगापुर में आखिरी सांस ली. कभी भारतीय राजनीति में चाणक्य कहे जाने वाले अमर सिंह की उत्तर प्रदेश की मुलायम सरकार में तूती बोलती थी.

author-image
nitu pandey
एडिट
New Update
amar singh

अमर सिंह ( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

अमर सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे. शनिवार दोपहर को उन्होंने सिंगापुर में आखिरी सांस ली. कभी भारतीय राजनीति में चाणक्य कहे जाने वाले अमर सिंह की उत्तर प्रदेश की मुलायम सरकार में तूती बोलती थी. बिना उनकी सहमति के एक भी फैसले नहीं हुआ करते थे. केंद्र की यूपीए-1 सरकार को बचाने में भी उन्होंने अहम भूमिका अदा की थी.

सबसे पहले बात उनकी पैदाइश की करते हैं. 27 जनवरी, 1956 को अमर सिंह अलीगढ़ में पैदा हुए थे. उनके पिता ताले बनाने का एक छोटा-सा कारोबार चलाते थे. जब अमर महज छह साल के थे, उनका परिवार कोलकाता के बड़ा बाजार में जाकर बस गया था. अपने परिवार की बनिस्बतन विनम्र पृष्ठभूमि अमर सिंह के लिए खासी अहम रही. उनके खुद के गढ़े गए मिथकों में से एक यह है कि उन्हें शंकालुओं से प्रेरणा मिलती थी, वे नफरत से भी उतने ही प्रेरित होते थे जितने प्यार से.उनके मुताबिक सबसे पहले उनके पिता ने ही उन पर संदेह किया था. उन्हें लगता था कि उनका बेटा 'सेंट जेवियर्स या प्रेसिडेंसी सरीखे अच्छे कॉलेज' में दाखिले की सोचकर अपनी अहमियत को कुछ ज्यादा ही आंक रहा है.

1996 में अमर सिंह की मुलाकात मुलायम सिंह से हुई थी

अमर सिंह की राजनीतिक सफर कांग्रेस के साथ हुई थी. अमर सिंह से 1990 और 1991 के बीच प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के भी करीबी रहें. अमर सिंह के मुताबिक 1996 में जब सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ी, तब उन्हें लगा कि 'वे भी ऐसा ही करने के लिए आजाद हैं. जिसके बाद मुलायम के साथ उनकी बढ़ती दोस्ती एक मशहूर सियासी भागीदारी तक ले गई.

अमर सिंह की मुलाकात मुलायम सिंह से 1996 में हुई. मुलायम सिंह की समाजवादी पार्टी चार से पांच साल पुरानी थी. इसमे शामिल ज्यादातर लोग ग्रामीण परिवेश से जुड़े थे. मुलायम सिंह को 40 के अमर सिंह की युवा सोच और कनेक्शन भा गया.

मुलायम सिंह के चहेते बन गए थे अमर सिंह

मुलायम सिंह ने अमर सिंह को अपनी पार्टी का प्रवक्ता बना दिया. राज बब्बर, आजम खान, रामगोपाल यादव, बेनी प्रसाद वर्मा सबको पछाड़कर अमर सिंह मुलायम के चहेते बन गए.

समाजवादी पार्टी ग्रामीण परिवेश से निकल कर बॉलीवुड, कॉर्पोरेट और न जाने किस-किस से अमर सिंह के ताल्लुकात बढ़ते चले गए. अमर सिंह सुपर स्टार बन गए.

मध्यमवर्ग का युवा दौलत के लिए मशहूर हो गया 

मध्यवर्ग का एक सीधा-सादा लड़का अमर सिंह गैट्सबी सरीखी शख्सियत बन गया, जो अपनी चौंधियाने वाली पार्टियों और अपनी रहस्यमयी दौलत के लिए मशहूर था. वह दौलत जो जाहिर तौर पर उद्योग और निवेश की सूझबूझ से आई थी.

2008 में मनमोहन सरकार की मदद की

2008 में भारत की न्यूक्लियर डील के दौरान वामपंथी दलों ने समर्थन वापस लेकर मनमोहन सिंह सरकार को अल्पमत में ला दिया. तब अमर सिंह ने ही समाजवादी सांसदों के साथ-साथ कई निर्दलीय सांसदों को भी सरकार के पाले में ला खड़ा किया.

तिहाड़ जेल भी अमर सिंह को जाना पड़ा

संसद में नोटों की गड्ढी लहराने का मामला भी सामने आया और इस मामले में अमर सिंह को तिहाड़ जेल भी जाना पड़ा.

2011 में अमर सिंह का पतन होने लगा

अमर सिंह 2009 में फलक से इसलिए गायब हो गए थे क्योंकि उनके अपने शब्दों में वे ''दागदार" थे. सपा ने उन्हें और उनकी साथी जया प्रदा को पार्टी से निकाल दिया था. 2011 में वे उस वक्त पतन के गर्त में चले गए जब तथाकथित 'वोट फॉर कैश' घोटाले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

अखिलेश की सत्ता में अमर सिंह को राज्यसभा भेजा गया फिर पार्टी से भी निकाला गया

यूपी में जब अखिलेश की सत्ता थी उस वक्त अमर सिंह एक बार फिर सक्रिय हुए और मुलायम सिंह ने उन्हें राज्यसभा भेजा. लेकिन 2017 के चुनाव से दो महीने पहले जिस तरह से मुलायम कुनबे में सियासी जंग छिड़ी तो इसके पीछे अखिलेश यादव ने अमर सिंह को जिम्मेदार ठहराया और उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया.

इसके बाद से अमर सिंह अखिलेश यादव को पानी पी-पी कर कोसते हैं और बीजेपी-मोदी प्रेम में भगवा झंडा उठाए हुए हैं.

2010 में अमर सिंह और जया के रास्ते हुए अलग

2010 में जब समाजवादी पार्टी से अमर सिंह निकाले गए और उनके कहने पर भी जया बच्चन ने राज्य सभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा नहीं दिया तो दोनों को अलग होते देर भी नहीं लगी.

अमर सिंह ने बनाई अपनी पार्टी 

अमर सिंह ने 2011 में राष्ट्रीय लोक मंच नाम से पार्टी बनायी और हर चुनाव हारे. फिर उन्होंने एक तरह से संन्यास ले लिया.

बिग बी की बुरे वक्त में अमर सिंह ने की थी मदद 

जब अमिताभ बच्चन की एबीसीएल कंपनी कर्जे में डूब गई थी और अपने करियर के सबसे मुश्किल दौर से बिग बी गुजर रहे थे और कोई उनकी मदद के लिए तैयार नहीं था. तब ये अमर सिंह ही थे, जो कथित तौर पर दस करोड़ की मदद के साथ अमिताभ के साथ खड़े नज़र आए थे.

Source : News Nation Bureau

Amar Singh Amar Singh Death
Advertisment
Advertisment
Advertisment