पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच जारी घमासान रुकने का नाम नहीं ले रहा है. सिद्धू के दिए बयानों से कैप्टन अभी भी अपने रुख पर कायम हैं. कैप्टन अमरिंदर ने साफ कह दिया है कि सिद्धू अपने बयानों पर सार्वजनिक माफी मांगें, इससे पहले उनसे मुलाकात नहीं होगी. दूसरी दूसरी तरफ सिद्धू ने अभी तक कोई बयान तो नहीं दिया लेकिन उनके करीबियों का कहना है कि सिद्धू माफी नहीं मागेंगे. मंगलवार को सिद्धू के सबसे करीबी रहे विधायक परगट सिंह ने बयान जारी कर साफ कर दिया है कि सिद्धू को माफी मांगने की जरुरत नहीं है.
दरअसल पंजाब कांग्रेस की कमान मिलने के बाद भी सिद्धू ने अब तक सीएम से मुलाकात नहीं की है. लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि उन्होंने सीएम से मुलाकात के लिए वक्त मांगा है. कैप्टन अमरिंदर सिंह के मीडिया अडवाइजर ने इन खबरों का खंडन करते हुए कहा कि सिद्धू ने कोई वक्त नहीं मांगा है. अमरिंदर सिंह के मीडिया अडवाइजर रवीन ठुकराल ने मंगलवार को ट्वीट 24 मिनट के अंतराल में दो ट्वीट किए. इसमें उन्होंने एक ही बात लिखी लेकिन कैप्टन की दो अलग तस्वीरों के साथ. इन दोनों तस्वीरों में कैप्टन के तेवर भी बदले दिख रहे हैं.
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सिद्धू क्यों नहीं मां रहे माफी
सिद्धू ने पिछले कई महीनों से कैप्टन पर खुलकर हमला किया था. उन्होंने अपने ट्वीट में बेअदबी मामला उठाते हुए मुख्यमंत्री पर तीखे वार किए थे और बादल परिवार के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया. सिद्धू ने न ही अपने ये ट्वीट डिलीट किए हैं और न ही सीएम से माफी मांगी है. दरअसल सिद्धू खेमे का मानना है कि अगर वह ऐसा करते हैं तो इससे उनके आरोप गलत साबित होंगे और छवि को नुकसान होगा.
दिग्गज नेता साधे हैं चुप्पी
नवजोत सिंह सिद्धू को हाथ में प्रदेश कांग्रेस की कमान आने के बाद से फिलहाल पार्टी के दिग्गज नेता खामोश हैं. अभी वह खुलकर इस मामले में कुछ भी नहीं बोल रहे हैं. कैप्टन अमरिंदर इन नेताओं से लगातार बातचीत कर रहे हैं. इन नेताओं से बातचीत के बाद की कैप्टन अगला कदम तय करेंगे. दूसरी तरफ सिद्धू लगातार प्रदेश के कांग्रेसी मंत्रियों, विधायकों और सीनियर नेताओं के साथ मुलाकात कर रहे हैं. प्रदेश के अधिकांश मंत्री और विधायक अब सिद्धू की नियुक्ति पर आलाकमान के फैसले को सही ठहरा रहे हैं. हालांकि, पार्टी की दिग्गज टकसाली नेता अभी भी खामोश हैं.
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22 जुलाई को सिद्धू करेंगे बड़ा कार्यक्रम
प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद सिद्धू पंजाब में कांग्रेस नेताओं और आम लोगों का समर्थन जुटाने की मुहिम में व्यस्त हैं. नवजोत सिंह सिद्धू के प्रदेश प्रधान बनने के बाद पार्टी 22 जुलाई को चंडीगढ़ में पहला सियासी कार्यक्रम करेंगे. इस संबंध में फरमान नई दिल्ली से पार्टी हाईकमान द्वारा जारी किया गया है और इसके लिए प्रदेश के सभी कांग्रेस नेताओं, विधायकों को प्रधान के नेतृत्व में लामबंद होने को कहा गया है. दरअसल, पैगासस जासूसी मामले में केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ कांग्रेस द्वारा देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का फैसला लिया गया है, जिसके तहत पार्टी पैगासस जासूसी कांड की सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में जांच कराने और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग करेगी.
HIGHLIGHTS
- पंजाब कैप्टन और सिद्धू के बीच जारी है घमासान
- सिद्धू को लेकर कैप्टन अभी भी अपने रुख पर कायम
- सिद्धू आज अमृतसर में कर रहे हैं शक्ति प्रदर्शन