जम्मू-कश्मीर के गृह विभाग ने खतरे को देखते हुए अमरनाथ यात्रा में कटौती कर दी थी. अब नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने एक ट्वीट करके सवाल उठाए कि खतरा अमरनाथ यात्रियों पर है तो गुलमर्ग में होटलों को क्यों खाली कराया जा रहा है. क्यों होटल में रहने वाले दोस्तों को वहां से जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है. लोगों को पहलगाम और गुलमर्ग से निकालने के लिए स्टेट बसें क्यों लगाई जा रही हैं.
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एक दिन पहले जम्मू-कश्मीर के गृह विभाग ने आदेश जारी कर अमरनाथ यात्रियों से राज्य छोड़कर वापस जाने की सलाह दी थी. इसके साथ ही पर्यटकों को भी वापस लौटने की सलाह दी गई थी. इसी के बाद अटकलबाजियों का दौर शुरू हो गया था. करीब 1.75 लाख तीर्थयात्रियों ने 28 जून से 15 अगस्त तक शुरू होने वाले जत्थों में तीर्थ यात्रा करने का पंजीकरण कराया था. उमर अब्दुल्ला का दावा है कि राज्य के शीर्ष अधिकारी भी अमरनाथ यात्रा को रोके जाने और अतिरिक्त बलों की तैनाती का कारण नहीं जानते हैं.
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शुक्रवार रात को कहा कि अमरनाथ यात्रा रोकने की बात को इधर-उधर जोड़कर जबरन भय पैदा किया जा रहा है. उन्होंने राजनीतिक नेताओं से अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर भरोसा ना करने की अपील करने का आग्रह किया.
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एक दिन पहले शुक्रवार को सेना की 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने पत्रकारों को बताया कि पिछले तीन-चार दिनों में बहुत बड़ी खुफिया जानकारी मिली है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी अमरनाथ यात्रा में बाधा डालने की कोशिश में हैं. उन्होंने बताया कि जानकारी के आधार पर सुरक्षाबलों ने गहन तलाशी अभियान चलाया, जिसमें पाकिस्तान आयुध फैक्ट्री में निर्मित एक बारूदी सुरंग को जब्त किया गया था.
Source : News Nation Bureau