फ्यूचर ग्रुप और अमेजन विवाद मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को फैसला देते हुए रेगुलेटर्स को निर्देश दिया है कि वे फ्यूचर ग्रुप के आवेदन और आपत्तियों पर कानून के अनुसार फैसला करें. दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने 132 पेज के आदेश में कहा है कि अमेजन ने फेमा और एफडीआई के नियमों का उल्लधंन किया है. अदालत ने अपने आदेश में रिलायंस को सौदे की मंजूरी देने वाला FRL बोर्ड रिज़ॉल्यूशन को मान्य माना है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि अमेजन ने विभिन्न समझौते करके FRL पर नियंत्रण करने की कोशिश की, जिसे सही नही ठहराया जा सकता. कोर्ट ने कहा कि अगर फ्यूचर रिटेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज को अमेजन की हरकतों के कारण नुकसान उठाना पड़ा है, तो उस पर सिविल कार्यवाही हो सकती है.
बता दें कि अदालत ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) की अमेजन (Amazon) के खिलाफ निषेधाज्ञा आदेश की मांग वाली याचिका को भी खारिज कर दिया है. फ्यूचर रिटेल ने अमेजन को फ्यूचर रिटेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच हुए सौदे के खिलाफ सेबी, सीसीआई और अन्य रेगुलेटरों को चिट्ठी लिखने से रोकने की याचिका लगाई थी.
गौरतलब है कि यह विवाद फ्यूचर रिटेल के अपने सारे रिटेल होलसेल और वेयर हाउसिंग कारोबार को मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज को 24713 करोड़ रुपये में बेचने से जुड़ा हुआ है. उधर अमेजन की फ्यूचर रिटेल में 5 फीसद की इनडायरेक्ट हिस्सेदारी है. अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप के रिलांयस के साथ इस सौदे को सिंगापुर कोर्ट में चुनौती दी थी. मामले की सुनवाई करते हुए 25 अक्टूबर को सिंगागुर कोर्ट ने फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज के इस सौदे पर रोक लगा दी थी.
Source : News Nation Bureau