ओडिशा के मयूरभंज से एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां एंबुलेंस वाले की लापरवाही ने एक बच्चे की जान ले ली. खबरों के मुताबिक, मयूरभंज इलाके के दंपति निरंजन बहेरा और गीता के बेटे को डायरिया हो गया था. इसके बाद बच्चे को रविवार को बारिपदा शहर के पीआरएम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि, बच्चे की हालत गंभीर होने के चलते अस्पताल प्रशासन ने सोमवार को बच्चे को कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में रेफर कर दिया गया. लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही बच्चे ने दम तोड़ दिया.
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बताया जा रहा है कि रास्ते में एंबुलेंस चालक और फार्मासिस्ट ने सड़क किनारे ढाबे पर लंच करने का फैसला किया. लेकिन काफी देर जब वो नहीं लौटे तो बच्चे के पिता ने ढाबा पर जाकर ड्राइवर को बुलाने गए. जब पिता ने जल्दी करने को कहा तो उन दोनों ने कहा कि वे बच्चे की स्थिति से अवगत हैं. इसके बाद कटक के लिए एंबुलेंस फिर रवाना हुई, लेकिन तब तक बच्चे की हालत काफी गंभीर हो गई थी.
बारिपदा से 10 किलोमीटर दूर जाने पर कृष्णचंद्रपुर में बच्चे की तबीयत काफी बिगड़ गई. बच्चे को कृष्णचंद्रपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया जहां डक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. अपने बेटे की मौत से गुस्साए माता-पिता और अन्य लोगों ने फार्मासिस्ट और ड्राइवर पर हमला कर दिया. उन्होंने उनके खिलाफ कृष्णचंद्रपुर के पुलिस चौकी में शिकायत भी दर्ज कराई है.
मृतक बच्चे के परिजनों ने कहा है कि अगर ड्राइवर लंच खाने नहीं जाता तो आज उनका बच्चा जीवित उनके पास होता. वहीं 108 एंबुलेंस का संचालन करने वाली जिकिट्जा हेल्थकेयर लिमिटेड के जिला समन्वयक सयान बोस ने एंबुलेंस चालक द्वारा किसी भी देरी से इनकार किया. उन्होंने कहा कि वे सिर्फ 20 मिनट के लिए लंच करने गए थे.