चीन से तनाव के बीच भारत ने दिए कड़े जवाब के संकेत, वायु सेना में एलसीए तेजस शामिल

चीन (China) सीमा पर लद्दाख और सिक्किम के बीच जारी तनाव के बीच भारत ने बीजिंग प्रशासन को चेता दिया है कि भारत को हल्के में लेना उसे बहुत भारी पड़ेगा. इसकी वजह यही है कि आज स्वदेशी विमान तेजस (Tejas) की दूसरी स्क्वाड्रन वायुसेना में शामिल हो गई.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
Tejas

स्वदेशी विमान तेजस (Tejas) की दूसरी स्क्वाड्रन वायुसेना में शामिल.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

चीन (China) सीमा पर लद्दाख और सिक्किम के बीच जारी तनाव के बीच भारत ने बीजिंग प्रशासन को चेता दिया है कि भारत को हल्के में लेना उसे बहुत भारी पड़ेगा. इसकी वजह यही है कि आज स्वदेशी विमान तेजस (Tejas) की दूसरी स्क्वाड्रन वायुसेना में शामिल हो गई. इस स्क्वाड्रन का नाम फ्लाइंग बुलेट्स दिया गया है, जिसकी शुरुआत वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने की. खुद वायुसेना प्रमुख ने तेजस लड़ाकू विमान में उड़ान भरी. आज इस कार्यक्रम का आयोजन तमिलनाडु के कोयम्बटूर के पास सुलूर एयरफोर्स स्टेशन पर किया गया. यह स्क्वाड्रन एलसीए तेजस विमान से लैस है. तेजस को उड़ाने वाली वायुसेना की यह दूसरी स्क्वाड्रन है. वायुसेना ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस को एचएएल से खरीदा है. नवंबर 2016 में वायुसेना ने 50,025 करोड़ रुपए में 83 तेजस मार्क-1 ए की खरीदी को मंजूरी दी थी. इस डील पर अंतिम समझौता करीब 40 हजार करोड़ रुपए में हुआ है. यानी पिछली कीमत से करीब 10 हजार करो़ड़ रुपए कम.

भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) ने कोयंबटूर के समीप सुलूर में चौथी पीढ़ी के एमके1 एलसीए (हल्का लड़ाकू विमान) तेजस से लैस अपनी 18 वीं स्क्वाड्रन 'फ्लाइंग बुलेट्स' का संचालन बुधवार को शुरू किया. सुलूर वायु सेना अड्डे पर आयोजित आधिकारिक समारोह में एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया की मौजूदगी में इसकी शुरुआत की गई. यहां 45वीं स्क्वाड्रन के बाद 18वीं स्कवाड्रन दूसरी टुकड़ी है जिसके पास स्वदेश निर्मित तेजस विमान है. 'तीव्र और निर्भय' के उद्देश्य के साथ 1965 में गठित 18वीं स्क्वाड्रन पहले मिग 27 विमान उड़ाती थी. इस स्क्वाड्रन ने पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में सक्रिय रूप से भाग लिया था. सुलूर में इस साल एक अप्रैल को इस स्क्वाड्रन का पुनर्गठन किया गया.

तेजस चौथी पीढ़ी का एक स्वदेशी टेललेस कंपाउंड डेल्टा विंग विमान है. यह फ्लाई-बाय-वायर विमान नियंत्रण प्रणाली, इंटीग्रेटेड डिजिटल एवियोनिक्स, मल्टीमॉड रडार से लैस है और इसकी संरचना कंपोजिट मैटेरियल से बनी है. एक रक्षा विज्ञप्ति में सोमवार को बताया गया कि यह चौथी पीढ़ी के सुपरसोनिक लड़ाकू विमान के समूह में सबसे हल्का और छोटा विमान भी है. अगर लड़ाकू विमान तेजस की बात करें तो ये एक चौथी पीढ़ी का हल्का विमान है. इसकी तुलना अपने जेनरेशन के सभी फाइटर जेट्स में सबसे हल्के विमान के तौर पर होती है. स्क्वाड्रन की कमी से जूझ रही वायुसेना को इसी साल 36 रफाल लड़ाकू विमानों की पहली खेप फ्रांस से मिलने जा रही है. इस बीच तेजस की एक नई स्क्वाड्रन का शामिल होना राहत भरी खबर है.

Source : News Nation Bureau

Indian Airforce Tejas Squadron RKS Bhadauria Sulur LAS Fighter Planes
Advertisment
Advertisment
Advertisment