कोरोना संकट के बीच मानसून सत्र बनाएगा अनोखा रिकॉर्ड, 1952 के बाद होगा ऐसा...

भारतीय संसद (Parliament) के इतिहास में 1952 के बाद पहली बार ऐसा होगा कि मानसून सत्र में कार्यवाही के दौरान लोकसभा (Loksabha) और राज्यसभा (Rajyasabha) जुड़ जाएंगी.

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Nihar Saxena
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Parliament (Budget Session)

1952 के बाद पहली बार होगा संसद के मानसून सत्र में नजारा.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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राज्यसभा सचिवालय के अधिकारी देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी संकट के बीच संसद के मानसून सत्र (Monsoon Session) के लिए विशेष सुविधाएं मुहैया कराने में व्यस्त हैं. उच्च सदन के सभापति एम. वेंकैया नायडू (M Venkaiah Naidu) ने संबंधित अधिकारियों को सत्र के लिए पूरी तैयारी करने को कहा है. इन तैयारियों के आलोक में कह सकते हैं भारतीय संसद (Parliament) के इतिहास में 1952 के बाद पहली बार ऐसा होगा कि मानसून सत्र में कार्यवाही के दौरान लोकसभा (Loksabha) और राज्यसभा (Rajyasabha) जुड़ जाएंगी. कार्यवाही के दौरान राज्यसभा के सदस्य लोकसभा में तो लोकसभा के सदस्य राज्यसभा के साथ सेंट्रल हॉल में बैठे दिखेंगे. कार्यवाही में दोनों सदनों की अलग-अलग दीर्घाओं का भी इस्तेमाल किया जाएगा. इस दौरान कई अलग-अलग जगहों में बैठे सांसद और मंत्री बड़े-बड़े टीवी स्क्रीन और वीडियो कांफ्रेंसिंग से एक-दूसरे से जुड़े रहेंगे. पहले चार घंटे लोकसभा फिर दो घंटे के ब्रेक के बाद राज्यसभा की चार घंटे की कार्यवाही शुरू होगी.

अगस्त के आखिरी या सितंबर के पहले हफ्ते में संसद सत्र
इस महीने के अंतिम हफ्ते या सितंबर के पहले हफ्ते में आयोजित होने वाला मानसून सत्र नए तेवर और कलेवर में होगा. कोरोना महामारी से बचने के लिए जरूरी दो गज की दूरी का पालन करने के लिए कार्यवाही के दौरान बैठने और कार्यवाही संचालन के लिए कई अहम बदलाव किए गए हैं. सबसे अहम बदलाव कार्यवाही के लिए राज्यसभा और लोकसभा का एक-दूसरे के लिए इस्तेमाल किया जाना है. सूत्रों के मुताबिक लोकसभा की कार्यवाही पूर्वाह्न दस बजे से दोपहर बाद दो बजे तक और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर बाद चार बजे से शाम आठ बजे तक बुलाने पर मंथन हो रहा है.

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राज्यसभा कुछ ऐसी होगा
उच्च सदन में कार्यवाही के दौरान 60 सदस्य राज्यसभा चैंबर में, 132 सदस्य लोकसभा चैंबर में और 51 सदस्य दोनों सदनों की अलग-अलग दीर्घाओं में बैठेंगे. राज्यसभा में जिन 60 सदस्यों को जगह मिलेगी उनमें प्रधानमंत्री, नेता सदन, नेता प्रतिपक्ष, विभिन्न दलों के संसदीय दल के नेता और वरिष्ठ मंत्री शामिल होंगे. बाकी सदस्यों को लोकसभा और विभिन्न दीर्घाओं में जगह मिलेगी.

लोकसभा में दिखेगा ऐसा नजारा
निचले सदन में कार्यवाही के दौरान (132 सदस्यों में) प्रधानमंत्री, कांग्रेस समेत विभिन्न दलों के संसदीय दलों के नेताओं, पूर्व प्रधानमंत्री, सभी मंत्री और विभिन्न दलों के कुछ वरिष्ठ नेताओं को जगह मिलेगी. 60 सांसद राज्यसभा, 51 अलग-अलग दीर्घाओं और 200 सदस्यों को सेंट्रल हॉल में जगह मिलेगी. कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए राज्यसभा में चार और अलग-अलग दीर्घाओं के साथ सेंट्रल हॉल में बड़ी टीवी स्क्रीन लगाने की व्यवस्था की गई है.

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जुटाई जा रहीं अतिरिक्त सुविधाएं
राज्यसभा सचिवालय के अधिकारियों ने कहा है कि अतिरिक्त सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए काम को तेजी से किया जा रहा है. इसके अलावा 4 गैलेरी में छह छोटे स्क्रीन के अलावा राज्यसभा चैंबर में एक बड़ा डिस्पले लगाया जा रहा है. सूत्रों ने कहा, 'इन सुविधाओं में गैलरी में ऑडियो सुविधा, अल्ट्रावॉयलट जर्मिसाइडल इराडिएशन, ऑडियो-विजुअल सिग्नल के ट्रांसमिशन के लिए संसद के दोनों सदनों में विशेष केबल, सदन के चैंबर से आधिकारिक गैलेरी को अलग करने के लिए पॉलीकार्बोनेट शीट.'

संसद सत्र के लिए हुई थी बैठक
इससे पहले 17 जुलाई को नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के बीच मानसून सत्र की तैयारियों के लिए बैठक हुई थी, जिसके मद्देनजर यह तैयारियां की जा रही है. बैठक में मानसूत्र सत्र में अपनाए जाने वाले विकल्पों पर विस्तृत चर्चा हुई थी. राज्यसभा सचिवालय ने कहा, 'यह निर्णय किया गया कि कोरोना महामारी की वजह से पाबंदियों को देखते हुए दोनों सदनों के चैंबर और गैलेरी का प्रयोग किया जाएगा.' कोरोनावायरस की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग नियमों के साथ यह अपने तरह का पहला सत्र होगा.

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छह माह में होना है संसद सत्र
मानसून सत्र में कोरोना महामारी की वजह से देरी हुई है. नियमों के मुताबिक हर छह माह में संसद का सत्र होना जरूरी है, जिसकी समयावधि सितंबर में समाप्त हो रही है.

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